बॉलीवुड की सबसे विवादित फिल्में जिनकी रिलीज़ पर हुआ हंगामा

बॉलीवुड में एक साल में सैकड़ों फ़िल्में रिलीज़ की जाती हैं। इन फिल्मों में कुछ ऊंचाईयां छूती है तो कुछ गुमनाम हो जाती हैं। वहीं कुछ ऐसी फ़िल्में है जो अपने विवादस्पद सीन या कंटेंट की वजह से सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं पाती। हाल ही में संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावती भी इसी तरह अटकी पड़ी हैं। आज हम बॉलीवुड की ऐसी ही टॉप फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो विवादों में रही जिसके चलते या तो रिलीज़ नहीं हो पाई या उसमें कांट-छांट करने के बाद रिलीज़ हुई। तो आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ विवादस्पद फिल्मों के बारे में...

* उड़ता पंजाब :

2016 में अनुराग कश्यप की यह फिल्म अपने नाम और कहानी को लेकर रिलीज से पहले ही काफी चर्चा में थी। कहा गया कि फिल्म पोलिटिकली मोटिवेटेड है, और इसमें पंजाब को जान बूझकर बदनाम किया गया है। अपील ट्रिब्यूनल द्वारा फिल्म से पंजाब शब्द हटाने के आदेश के साथ ही हंगामा शुरू हो गया। बाद में 13 कट लगाने के बाद फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट दे दिया गया। हालाँकि, बाद में फिल्म कुछ ख़ास हिट भी नहीं हुई और रिलीज के बाद उस तरह से इसे चर्चा भी नहीं मिली, जित्न्नी पहले मिली थी।

* परजानिया :

साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को केंद्र में रखकर बनी यह फिल्म साल 2007 में आई थी। दंगे और सांप्रदायिक हिंसा फैलने के डर से कई राजनीतिक पार्टियों ने इसकी रिलीजिंग का विरोध किया,जिसके बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। निर्देशक राहुल ढोलकिया की इस फिल्म ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते।

* गोलियों की रासलीला - रामलीला :

संजय लीला भंसाली की 2013 में आई फिल्म 'गोलियों की रासलीला: रामलीला' में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण लीड रोल में थे। फिल्म का नाम पहले 'राम लीला' था, लेकिन इससे कुछ हिंदुओं की भावनाएं आहत हो गई थीं। क्योंकि फिल्म का नाम हिंदू पौराणिक कथा पर आधारित था। इसके चलते भंसाली, दीपिका और रणवीर पर एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई थी। बाद में फिल्म का नाम बदलकर 'गोलियों की रासलीला: रामलीला' कर दिया गया।

* बैंडेट क्वीन :

विवादित फिल्मों की बॉलीवुड में जब भी बात होगी सबसे पहला नाम बैंडेट क्वीन का ही आएगा। फूलन देवी की सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म को शुरुआती दौर में बैन कर दिया गया है। हिंसात्मक और अश्लील भाषा को कारण बताया गया। फूलन देवी भारत का एक ऐसा नाम हैं जिस बच्चा बच्चा परिचित है। खास बात यह है कि सेंसर बोर्ड के अलावा इस फिल्म के कंटेंट की शिकायक खुद फूलन देवी ने भी किया था।

* फायर :

1996 में बनी दीपा मेहता की फिल्म फायर को विवादों के बाद सेंसर बोर्ड को बैन करना पड़ा। इस फिल्म की कहानी एक हिंदू परिवार की दो सिस्टर-इन-लॉ की है। इसमें दोनों को लैसबियन दिखाया गया है। यही कारण है कि इस फिल्म का शिव सेना जैसे हिंदू संगठनों ने विरोध किया जिसके बाद इसे बैन कर दिया गया।

* पिंक मिरर :

भारत जैसे देश में समलैंगिकता का मुद्दा सदैव ही संवेदशील रहा है। इसी पर आधारित वर्ष 2003 में रिलीज हुई फिल्म पिंक मिरर को बैन कर दिया गया। पश्चिमी देशों की तरह भी अब भारत में समलैंगिक लोग खुल कर सामने आ रहे हैं लेकिन फिल्म जब बनकर तैयार हुई तब ऐसा दौर नहीं था।

* पीके :

2014 में रिलीज हुई आमिर खान-अनुष्का शर्मा स्टारर 'पीके' पर बहुत से धार्मिक गुटों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था। फिल्म में धर्मों के कुछ रीति-रिवाजों को अंधविश्वास के तौर पर दिखाया गया था। इस वजह से इस फिल्म का बहुत विरोध हुआ था, लेकिन फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।

* कामसूत्र :

1996 में आई मीरा नायर की इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने इसके बोल्ड सब्जेक्ट और दृश्यों के चलते रिलीज नहीं होने दिया। फिल्म की रिलीजिंग पर भी बहुत विवाद था। अंग्रेजी में आई यह फिल्म आज भी प्रतिबंधित ही है।

* ओह माइ गॉड :

2012 में आई इस फिल्म को लेकर भी खूब हो-हल्ला मचा। अभिनेता परेश रावल पर पवित्र गंगा जल में विस्की मिलाकर आरती की थाली में थूकने का आरोप भी लगा। फिल्म में एक जगह रावल यह भी कहते हैं कि ‘एड्स जैसी बीमारियां मंदिरों के कारण फैली हैं’। जिसकी खूब निंदा हुई। हालाँकि, फिल्म रीलिज होने के बाद इसमें दिए गए सन्देश की लोगों ने खूब सराहना की।