किताबों के इनपुट और ‘मन की बात’ से बन रही मोदी बायोपिक

वर्ष 2019 की शुरूआत पूर्व और वर्तमान प्रधानमंत्रियों की जीवनी के हाई-फाई नोट पर शुरू हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनी बायोपिक प्रदर्शित होकर असफल हो गई है। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बायोपिक इस महीने के आखिर से बननी शुरू होने जा रही है।

नरेन्द्र मोदी पर बनने वाली बायोपिक के पहले पोस्टर को 23 भाषाओं में रिलीज किया गया था। इस फिल्म के लिए अभिनेता विवेक ओबेराय ने 15 लुक टेस्ट दिए थे सिर्फ पोस्टर के लिए। मोदी के लुक के लिए विवेक ओबेराय को 7 घंटे बैठकर मेकअप करवाना होता है। फिल्म के निर्माता संदीप सिंह का कहना है कि, ‘‘मोदी जी की जिन्दगी बचपन से लेकर अब तक बड़ी ड्रैमेटिक रही है। मेरा मकसद था कि लोग उनकी जिन्दगी के बारे में जानकर उससे इंस्पायर हों। हम फिल्म में उनके बचपन से लेकर पीएम बनने तक के सफर को दिखाएंगे। मैं इस वक्त नाम नहीं ले सकता, पर उनकी जिन्दगी के सभी करीबी और मशहूर-विवादास्पद मसले कहानी में इनकॉरपोरेट कर रहा हूँ।’’

प्रधानमंत्री मोदी की बायोपिक के लिए सोर्स मैटेरियल जुटाने प्रधानमंत्री से या उनके करीबियों से बात नहीं की गई बल्कि उन पर लिखी किताबों और मन की बात से ही काफी इनपुट जुटाया गया है। एक तरफ तो चुनाव के मद्देनजर इस फिल्म के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं, पर दूसरी तरफ पता चला है कि इसके निर्माण के लिए पीएम या पीएमओ से इजाजत भी नहीं ली गई है। संदीप सिंह का कहना है कि फिल्म बनाने के लिए हमें पीएम से या पीएमओ से इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ी। उनकी जिन्दगी पर ढेर सारी किताबें लिखी गई है। ‘मन की बात’ से वे खुद ही खुली किताब बने हुए हैं। लिहाजा फिल्म में उनकी जर्नी दिखाने के लिए हमें किसी तरह की एनओसी की आवश्यकता नहीं पड़ी। उनके पास ऐसी कोई चीज नहीं है, जिसे वे छुपाएँ। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग गुजरात में ही की जाएगी। फिल्म की टैगलाइन है ‘देशभक्ति ही मेरी शक्ति है’।