हीरो नहीं, इस मासूम बच्चे को देखने के लिए थिएटर जाते थे लोग, फिल्मों में मचाया था धमाल, आज भी दिखते हैं उतने ही क्यूट

70-80 के दशक में जब अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और राजेश खन्ना जैसे दिग्गज सितारों का बोलबाला था, उस दौर में एक चाइल्ड आर्टिस्ट ने खूब नाम कमाया था — मास्टर बिट्टू। खास बात यह थी कि मास्टर बिट्टू अक्सर अमिताभ बच्चन के बचपन का किरदार निभाते थे। उनकी मासूमियत और क्यूटनेस ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। आज करीब 40 साल बाद भी मास्टर बिट्टू यानी विशाल देसाई की यादें उसी कदर ताज़ा हैं, जितनी पहले थीं। आइए जानते हैं कि वह बचपन में कैसे थे, अब क्या कर रहे हैं और उनकी कहानी क्या है।

अमिताभ बच्चन के बचपन का चेहरा बने मास्टर बिट्टू

70 और 80 के दशक की फिल्मों में मास्टर बिट्टू का जलवा था। अमिताभ बच्चन के अलावा धर्मेंद्र और राजेश खन्ना जैसे स्टार्स के बचपन के रोल भी उन्हें ही मिले। उनका असली नाम विशाल देसाई था। ‘याराना’, ‘चुपके चुपके’, ‘अनोखा बंधन’, ‘अपनापन’ जैसी हिट फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय से दिल जीते। उस समय लगभग हर दूसरी फिल्म में मास्टर बिट्टू नजर आते थे और उनकी क्यूटनेस के चलते वह बेहद लोकप्रिय हुए। मास्टर बिट्टू के अभिनय का जादू तब हिट फिल्मों की सफलता का भी एक कारण माना जाता था।

एक्टिंग से फिल्म मेकिंग की ओर कदम

विशाल देसाई ने बचपन में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में खूब सफलता हासिल की, लेकिन जैसे-जैसे बड़े हुए, उन्हें अभिनय के नए रोल मिलने बंद हो गए। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़कर फिल्म निर्माण की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपनी क्रिएटिव प्रतिभा का इस्तेमाल टीवी इंडस्ट्री में किया और कई लोकप्रिय टीवी सीरियल्स का निर्देशन किया। विशाल ने इस तरह फिल्म और टीवी मेकिंग के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।

40 साल बाद भी उतने ही क्यूट और यादगार

आज भी विशाल देसाई की यादें कई पुराने फिल्म प्रेमियों के दिलों में ताज़ा हैं। मास्टर बिट्टू के तौर पर उनकी मासूमियत और अभिनय के कारण वे हमेशा दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाए हुए हैं। 40 साल बाद भी उनकी छवि उतनी ही प्यारी और यादगार है जितनी बचपन में थी। उन्होंने अपने करियर में एक्टिंग के अलावा डायरेक्शन में भी सफलतापूर्वक नाम कमाया है।

मास्टर बिट्टू से विशाल देसाई की यह यात्रा दर्शाती है कि कैसे एक बचपन का सितारा समय के साथ बदलता है, लेकिन अपनी पहचान और काबिलियत से हमेशा दिल जीतता रहता है।