'पतले होने पर ट्रोलिंग और नाक बदलने की सलाह मिली', माधुरी दीक्षित ने किया खुलासा, कहा- 'तेजाब के बाद सब बदल गया'

बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित इन दिनों अपनी नई वेब सीरीज मिसेज देशपांडे की वजह से चर्चा में हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी मां से मिली सीख, आत्मविश्वास और दृढ़ता के बारे में खुलकर बात की और बताया कि किस तरह मां की सलाह ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआती आलोचनाओं और ट्रोलिंग का सामना करने में मदद की। माधुरी ने बताया कि निरंतर मार्गदर्शन और मां की प्रेरणा ने न केवल उनकी कलात्मक प्रतिभा को तराशा बल्कि आत्म-सम्मान को भी मजबूती दी।

मां से मिली कला और प्रेरणा

नयनदीप रक्षित से बातचीत में माधुरी ने साझा किया कि उनकी मां ने उनके व्यक्तित्व और कला पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मेरी कला, मेरी डांसिंग और सिंगिंग का प्यार मुझे मेरी मां से ही मिला है। वे बहुत भावुक थीं और मुझे यह गुण उनसे ही मिला है। मैं भी लोगों से जल्दी जुड़ जाती हूं और बहुत इमोशनल इंसान हूं।”

माधुरी ने आगे बताया कि अनुशासन और ईमानदारी भी उनके भीतर उनकी मां से आई है। उन्होंने कहा, “मेरी मेहनत करने की आदत मेरी मां से आई है। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर और आत्मविश्वास भी मुझे विरासत में मिला। उन्होंने हमेशा कहा कि खुद को स्वीकारो, किसी सांचे में मत ढलो, खुद को जियो और सांचे को तोड़ो।”

शुरुआती दिनों की आलोचना और ट्रोलिंग

माधुरी ने अपने करियर के शुरुआती दौर को याद करते हुए कहा कि उन्हें अक्सर उनकी शक्ल-सूरत को लेकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “जब मैंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा, लोग मुझसे कहते थे यह करो, वह करो, नाक कैसी है, चेहरा कैसा है। उस समय मैं अपनी मां से दिलासा लेने जाती थी और वे कहती थीं, 'चिंता मत करो, एक बार फिल्म सफल हो जाए, लोग तुम्हें वैसे ही पसंद करेंगे।’”

उन्होंने स्वीकार किया कि उस समय उन्हें इस बात पर यकीन करना मुश्किल था, लेकिन मां की बातें हमेशा उन्हें साहस देती थीं। माधुरी ने कहा, “मां कहती थीं, क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा है? मैंने हां कहा और वे कहती थीं, तो फिर देखना क्या होता है।”

तेज़ाब फिल्म ने बदल दी जिंदगी

माधुरी ने बताया कि तेज़ाब फिल्म के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। उन्होंने कहा, “तेज़ाब के बाद कोई मेरे पतले होने या किसी और चीज़ पर ट्रोल नहीं करता था। लोग मुझे वैसे ही स्वीकार करने लगे जैसे मैं थी।” उन्होंने नई अभिनेत्रियों को यह सलाह दी, “किसी सांचे में ढलने की कोशिश मत करो। यह मत सोचो कि एक हीरोइन को किसी खास तरीके से दिखना चाहिए। अगर तुम अलग हो, यही तुम्हारी खासियत है। इसे एंजॉय करो।” माधुरी की यह कहानी यह साबित करती है कि आत्मविश्वास, मां का मार्गदर्शन और अपनी अस्मिता को स्वीकारना ही सफलता की असली कुंजी है।