किशोर कुमार की जीवनी और प्रसिद्धि के बारे में कुछ खास बाते...

भारतीय संगीत में जब प्यार भरे और दिल को छू जाने वाले गीतों की बात आती हैं तो सबसे पहला नाम जो जहन में आता है वो है 'किशोर कुमार' का। जिनके गीतों और उनकी मधुर आवाज ने भारतीय फिल्मों को एक नया मुकाम दिया हैं और पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। लोगों के दिल में आज भी उनके दर्द भरे नगमे जीवित हैं। आज उनके जन्मदिन के दिन हम आपको उनकी जीवनी से रूबरू करवाने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इस महान गायक की जीवनी और प्रसिद्धि के बारे में।

किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गांगुली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम कुंजालाल गांगुली और माता का नाम गौरी देवी थे। किशोर कुमार का बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था और वो एक बहुत सम्पन्न परिवार से थे। किशोर कुमार अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई अशोक कुमार एक महान और मशहूर अभिनेता रह चुके थे।

अशोक कुमार बताते है कि उनका बचपन से गला खराब रहता था और लगातार खांसते रहते थे। बचपन में किशोर कुमार के साथ एक घटना हुई जिसमे उनके पैर की एक अंगुली कट गयी थी। अब दर्द के मारे किशोर कुमार का बुरा हाल हो गया था और उस समय ऐसी दवाईया नही थी जो दर्द को कम कर सके। अब दर्द के कारण दिन के अधिकतर समय रोते रहते थे और दवा देने के बाद चुप होते थे। जब एक महीने तक उनके रोने का सिलसिला युही चलता रहा और इसी कारण बचपन से खासते रहने वाले किशोर कुमार का गला साफ हो गया। उसके बाद उन्होंने गाना शुरू किया।

किशोर कुमार अपने बड़े भाई की मदद से बॉम्बे टॉकीज में Chorus Singer के रूप में अपने करियर की शुरवात की। किशोर कुमार पहली बार अपने बड़े भाई की फिल्म शिकारी (1946 ) में नजर आये जहा उनको अभिनय करने का मौका मिला। संगीतकार खेमचंद ने उनको पहले बार फिल्मो में गाना गाने का मौका दिया और उन्होंने 1948 में देवानंद की फिल्म जिद्दी के लिए “मरने की दुआए क्यों मांगू ” गाना गाया।

किशोर कुमार ने संगीत की कोई औपचारिक शिक्षा नही ली थी इसलिए संगीतकार उनको गाने में लेने के लिए कतराते थे फिर भी एक बार संगीतकारसलील चौधरी ने उनकी आवाज सुनकर उनको गाने के कई मौके दिए थे। इसके बाद किशोर कुमार ने न्यू दिल्ली, आशा, चलती का नाम गाडी, हाफ टिकट, गंगा की लहरें और पड़ोसन जैसी फिल्मो में हास्य अभिनेता का काम किया। चलती का नाम गाडी उनकी अभिनय के तौर पर एक सफल फिल्म रही जिसमे कार मेकेनिक के रूप में उनके और मधुबाला के बीच रोमांस को दिखाया गया है। इस फिल्म में उनका गाना “एक लडकी भीगी भागी सी ” बहुत लोकप्रिय हुआ था।

1961 में फिल्म झुमरू में उन्हों निर्माता और निर्देशन का काम भी किया। 1969 में उन्होंने आराधना फिल्म में “मेरे सपनो की रानी ” गाना गाया जिसने उनको एक स्टार बना दिया और इसी फिल्म के गाने “रूप तेरा मस्ताना ” के लिए उनको पहला फिल्मफेर अवार्ड भी मिला। 1970 और 1980 का दशक उनके लिए स्वर्णिम दशक रहा था जिसमे उन्होंने मशहूर अभिनेताओ राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, जीतेंद्र, संजीव कुमार, देवानंद, संजय दत्त, अनिल कपूर, दिलीप कुमार, प्राण, रजनीकान्त, गोविंदा और जेकी श्राफ के साथ काम किया। किशोर कुमार ने मो।रफी, मुकेश, लता मंगेशकर, आशा भोंसले जैसे दिग्गज गायकों के साथ काम किया। 13 अक्टूबर 1987 को किशोर कुमार की मुत्यु हो गयी और संयोग से उस दिन उनके बड़े भाई अशोक कुमार का जन्मदिन था।

किशोर कुमार ने चार शादिया की थी। उनकी पहली पत्नी गायक और अभिनेत्री रुमा घोष थी और उनकी ये शादी 1950 से 1958 तक चली उनकी दुसरी पत्नी मधुबाला थी जिसके लिए उन्होंने मुस्लिम धर्म परिवर्तन कर दिया था लेकिन उनके परिवार वालो ने कभी मधुबाला को नही अपनाया। 1969 में मधुबाला की मृत्यु हो गयी और उन्होंने योगिता बाली से शादी कर ली जो केवल दो वर्ष 1976 और 1978 तक चली। किशोर कुमार ने अंतिम शादी लीना चंदावर्कर से की और 1980 से लेकर अपनी मौत तक उनसे शादी बनी रही। उनके दो पुत्र है रुमा घोष से उनको अमित कुमार और लीना चंदावर्कर से सुमित कुमार थे। किशोर कुमार की मौत के बाद भी उनके गाने आज भी हमारे दिलो में जीवित है।