पिछले हफ्ते सिनेमाघरों में अजय देवगन व तब्बू स्टारर फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ और जान्हवी कपूर की मूवी ‘उलझ’ रिलीज हुई। दोनों अलग-अलग जॉनर की फिल्में हैं। अजय-तब्बू की फिल्म में रोमांस व ड्रामा है तो जान्हवी की मूवी में थ्रिल है। खास बात ये है कि दोनों ही फिल्में फैंस की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। इनका अभी तक का बिजनेस देख लगता है कि ये ज्यादा दिन थिएटर्स में नहीं टिकेंगी।
पहले बात करते हैं ‘औरों में कहां दम था’ की। नीरज पांडेय के डायरेक्शन में बनी इस मूवी में ‘कृष्ण’ बने अजय और ‘वसुधा’ का रोल निभा रहीं तब्बू की प्रेम कहानी दिखाई गई है। बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म ने शुक्रवार (2 अगस्त) को पहले दिन मात्र 1.85 करोड़ रुपए कमाए। शनिवार को इसमें मामूली सुधार देखा गया और यह आकंड़ा 2.15 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। अब इसकी रविवार की कमाई के आंकड़े भी सामने आ गए हैं।
माना जा रहा था कि छुट्टी का दिन होने से दर्शकों की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिल्म ने तीसरे दिन 2.75 करोड़ रुपए ही कमाए। इस तरह से इसका टोटल कलेक्शन 6.75 करोड़ रुपए हुआ है और यह फिल्म घाटे का सौदा लग रही है। अब बात करते हैं ‘उलझ’ की। इसने भी 2 अगस्त को थिएटर्स में दस्तक दी और इसका अंजाम भी बुरा हुआ।
जान्हवी और गुलशन देवैया की जोड़ी दर्शकों पर कोई छाप नहीं छोड़ पाई। फिल्म ने पहले दिन 1.37 करोड़ रुपए के साथ शुरुआत की। अगले दिन यह आंकड़ा 2.2 करोड़ रुपए तक पहुंचा। रविवार को इसने 2.42 करोड़ रुपए कमाए। इसके साथ तीन दिन में यह 5.99 करोड़ रुपए ही कमा पाई। सुधांशु सरिया के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के बीच सुलह की पहल की कहानी है, जिसमें ISISI बहुत बड़ा रोड़ा बनता है। फिल्म में राजेश तैलंग, आदिल हुसैन, रोशन मैथ्यू, मियांग चैंग जैसे कलाकार भी हैं।
फराह खान की मां मेनका ईरानी का 26 जुलाई को हो गया था निधनमशहूर कोरियोग्राफर और फिल्ममेकर फराह खान ने सोमवार (5 अगस्त) को अपनी दिवंगत मां मेनका ईरानी को याद किया। मेनका का मुंबई में 26 जुलाई को निधन हो गया था। फराह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “मेरी मां एक बहुत ही अनोखी इंसान थीं..कभी भी लाइमलाइट में नहीं आना चाहती थी। अपने जीवन में उन्होंइने कई सारी कठिनाइयों का सामना किया, इसके बावजूद भी वह एक खास महिला थीं।
उनके मन में किसी भी तरह की कोई कड़वाहट या ईर्ष्या नहीं थी। उनसे मिलने वाला हर व्यक्ति उनसे प्यार करता था। वह मुझसे और साजिद से कहीं ज्याीदा मजाकिया और मजेदार थीं। पता नहीं कि वो अपने लिए उमड़े सच्चे प्यार और संवेदना को देख पा रही हैं कि नहीं...उनके कई सहकर्मियों और हमारे घर में काम करने वाले लोगों ने कहा कि मेरी मां ने उन्हें ऋण दिलाने में मदद की थी या उन्हें पैसे भेजे थे और कभी भी बदले में पैसे मिलने की उम्मीद नहीं की। हमारे दुख में हमारा साथ देने के लिए घर आए सभी लोगों का शुक्रिया।
साथ ही उन लोगों का भी शुक्रिया, जिन्होंने संदेश भेजे और अभी भी संदेश भेज रहे हैं। नानावटी अस्पताल के सभी डॉक्टरों और नर्सों का शुक्रिया जिन्होंने हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। चंडीगढ़ पीजीआई और बेले व्यू अस्पताल के हमारे परामर्शदाता डॉक्टरों का शुक्रिया। हम आभारी हैं कि आपने हमें उसके साथ कुछ और दिन बिताने का मौका दिया। काम पर वापस जाने का समय आ गया है... यही वह चीज है जिस पर उन्हें हमेशा गर्व था। हमारा काम!
मैं इस दुख की वजह से पड़ी गांठ को भरना नहीं चाहती ये हमेशा मेरे दिल में रहेगा... मैं उन्हें मिस नहीं करना चाहती क्योंकि वह हमेशा मेरा हिस्सा रही हैं...ब्रह्मांड की आभारी हूं कि उन्हें मेरी मां बनने दिया और हमें उनकी देखभाल करने का मौका दिया उसी तरह जिस तरह उन्होंने पूरी जिंदगी अकेले ही हमारी देखभाल की थी... उल्लेखनीय है कि रविवार को फराह के भाई डायरेक्टर साजिद खान ने भी मां के लिए ऐसी ही भावनाएं दिखाई थीं।