
टीवी इंडस्ट्री की सबसे आइकॉनिक जोड़ियों में से एक, करण मेहरा और हिना खान ने ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के जरिए लंबे समय तक दर्शकों के दिलों पर राज किया। उनकी ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री और सहज परफॉर्मेंस ने हर घर में एक खास जगह बना ली थी। हाल ही में करण मेहरा ने अपने इस शो के 8 साल लंबे सफर को याद करते हुए कुछ दिलचस्प और बेहद मानवीय अनुभव साझा किए।
हिना के साथ रोमांटिक सीन में होती थी झिझककरण मेहरा ने 'फिल्मीज्ञान' से बातचीत में बताया कि शुरुआती दिनों में उन्हें और हिना को समझ नहीं आता था कि रोमांटिक सीन को कैसे सहजता से निभाएं। करण ने मज़ाकिया लहजे में कहा, “कभी-कभी समझ नहीं आता था कि क्या करें, तो डायरेक्टर कहते थे, ‘अरे तू बिंदास पकड़ उन्हें!’ और मैं मन ही मन सोचता था, ‘इतना बिंदास कैसे हो जाऊं?’”
‘मैं हमेशा से रहा हूं शर्मीला लड़का’करण ने खुलकर बताया कि कैमरे के सामने आने से पहले वो कितने रिजर्व रहते थे। उन्होंने कहा, “मैं तो बहुत ही शर्मीला लड़का रहा हूं। ऐसे में जब डायरेक्टर बोलते थे कि नज़दीक जाओ, तो थोड़ा अजीब लगता था। सोचता था कि कितनी पास जाऊं?” लेकिन समय के साथ उन्होंने इस झिझक को भी पार किया और ये रिश्ता क्या कहलाता है के आखिरी 3-4 सालों में तो उनकी हिना के साथ केमिस्ट्री इतनी सहज हो गई कि रिहर्सल की जरूरत ही नहीं पड़ती थी।
शुरुआत में दोस्ती, फिर दूरी
शो के शुरुआती महीनों में करण और हिना के बीच अच्छी दोस्ती थी, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, दोनों के बीच बातचीत सीमित होती गई। सेट पर मौजूद सूत्रों के मुताबिक करीब छह महीने बाद दोनों ने एक-दूसरे से पर्सनल बातचीत करना बंद कर दिया था और सिर्फ प्रोफेशनल बातचीत ही करते थे। इसके बावजूद उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री कभी फीकी नहीं पड़ी।
करण मेहरा की यह बातचीत न सिर्फ उनके प्रोफेशनल अनुभव को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि परदे के पीछे कलाकारों को किन-किन भावनात्मक और व्यक्तिगत चुनौतियों से गुजरना पड़ता है।