काजोल की मां से बड़े पर्दे पर वापसी, बोली मैंने कभी हॉरर फिल्म नहीं देखी, जानिए क्यों है ये फिल्म खास

करीब तीन साल बाद काजोल एक बार फिर बड़े पर्दे पर दमदार वापसी करने जा रही हैं, और इस बार वो एक अनोखी शैली—मायथोलॉजिकल हॉरर—में नजर आएंगी। 27 जून को रिलीज़ हो रही उनकी फिल्म ‘मां’ न केवल दर्शकों के लिए एक नई कहानी पेश करती है, बल्कि खुद काजोल के करियर में भी यह एक नया मोड़ है। फिल्म में देवी काली और राक्षस रक्तबीज की पौराणिक कथा को एक डरावने रूप में पिरोया गया है, जिसे काजोल ने बेहद चुनौतीपूर्ण बताया।

हॉरर नहीं थी स्क्रिप्ट, लेकिन किरदारों ने मोड़ दिया रास्ता

काजोल ने फिल्म को लेकर अपने हालिया दिए साक्षात्कार में बताया कि शुरुआत में ‘मां’ को हॉरर फिल्म के तौर पर नहीं लिखा गया था। उन्होंने कहा, “हमने जब स्क्रिप्ट लिखनी शुरू की थी, तब हॉरर का कोई इरादा नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे किरदार और परिस्थितियां विकसित हुईं, हमें एहसास हुआ कि ये कहानी अब थ्रिलर के दायरे से बाहर निकल गई है। तब हमें लगा कि हॉरर टैग देना ज़रूरी है ताकि दर्शकों को कहानी का असर महसूस हो।”

उन्होंने आगे बताया कि निर्देशक विशाल फुरिया ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि अगर वे सिर्फ अपनी भूमिका पर ध्यान दें तो तकनीकी पक्ष से सारा मैनेज किया जाएगा। काजोल के मुताबिक, “विशाल ने मुझसे कहा—तुम एक्टिंग करो, बाकी सब मैं संभाल लूंगा।”

पहली बार कर रहीं हॉरर में अभिनय, कभी देखी नहीं हॉरर फिल्म

एक दिलचस्प खुलासा करते हुए काजोल ने बताया कि ‘मां’ उनके करियर की पहली हॉरर फिल्म है और उन्होंने आज तक कोई हॉरर फिल्म देखी भी नहीं है। काजोल ने हंसते हुए कहा, “यह सच है, मैंने अजय की ‘भूत’ तक नहीं देखी है।”

ग्रीन स्क्रीन और वीएफएक्स में एक्टिंग का अलग अनुभव

इस फिल्म में वीएफएक्स और एक्शन का अहम रोल है। काजोल के अनुसार, “ग्रीन स्क्रीन पर एक्टिंग करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि आपके सामने कोई अभिनेता नहीं होता, सिर्फ कल्पना होती है। ये बिल्कुल अलग तरह का अभिनय है, जहां आपकी कल्पनाशक्ति ही आपका साथी होती है।”

मजबूत किरदार, शादी के बाद भी डगमगाया नहीं करियर

काजोल ने इस इंटरव्यू में अपने करियर और निजी जिंदगी को लेकर भी बेबाकी से बात की। उन्होंने बताया कि शादी के बाद उन्हें कई बार यह सुनने को मिला कि अब उनका करियर खत्म हो जाएगा। लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी शर्तों पर फैसले लिए। काजोल ने स्पष्ट कहा “अगर आप दूसरों को खुश करने के लिए फैसले लेंगे, तो बाद में पछताना पड़ेगा। यह आपकी जिंदगी है, आपकी ज़िम्मेदारी।”

अजय देवगन के निर्देशन में फिर काम करने की इच्छा

फिल्म के निर्माता अजय देवगन के साथ काम करने के अनुभव पर काजोल ने कहा कि वे बेहद सजग निर्देशक हैं। उन्होंने बताया, “अजय का फोकस सिर्फ एक्टिंग पर नहीं होता, वो स्क्रिप्ट, म्यूजिक और वीएफएक्स पर भी पूरी नजर रखते हैं। ‘यू मी और हम’ में हमने पहले साथ काम किया था और मुझे उम्मीद है कि एक अच्छी स्क्रिप्ट मिली तो हम फिर साथ काम करेंगे।”

फिल्म की टैगलाइन: आस्था बनाम शैतान

काजोल ने बताया कि ‘मां’ केवल एक डरावनी कहानी नहीं है, बल्कि इसकी गहराई भी बहुत ज्यादा है। फिल्म की टैगलाइन “ईविल बनाम फेथ” यानी “शैतान के खिलाफ आस्था की जंग” दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगी। रक्तबीज की कथा का समावेश इस कहानी को और भी पौराणिक व रोमांचक बनाता है।

काजोल की ‘मां’ न केवल एक नई शैली की शुरुआत है बल्कि उनकी अभिनय यात्रा में भी एक नया मुकाम है। पौराणिक कथा, वीएफएक्स और हॉरर का संगम यह फिल्म दर्शकों को एक अनूठा अनुभव देने वाली है। जिन दर्शकों ने काजोल को ओटीटी पर ‘त्रिभंगा’ या ‘द ट्रायल’ में देखा है, उनके लिए यह फिल्म थिएटर में उन्हें एक नई रूप में देखने का मौका होगी—एक साहसी, आध्यात्मिक और डरावनी यात्रा में।