
‘बधाई हो’ और ‘तलवार’ जैसी कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों के लिए मशहूर Junglee Pictures अब क्षेत्रीय सिनेमा की दुनिया में कदम रख रही है। कंपनी पहली बार मलयालम फिल्म रोंथ के जरिए इस इंडस्ट्री में प्रवेश कर रही है। यह एक गंभीर पुलिस ड्रामा है, जिसे नेशनल अवॉर्ड विनिंग लेखक-निर्देशक शाही कबीर ने निर्देशित किया है।
रोंथ एक संवेदनशील और यथार्थवादी पुलिस ड्रामा है, जिसे खुद पूर्व पुलिस अधिकारी रह चुके शाही कबीर ने लिखा और निर्देशित किया है। कबीर की पिछली फिल्में Nayattu और Joseph को आलोचकों और दर्शकों दोनों ने खूब सराहा था। उनकी पुलिस पृष्ठभूमि इस फिल्म को और भी प्रामाणिकता देती है।
फिल्म में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं मशहूर अभिनेता-निर्देशक दिलीश पोट्टन, जो अपने नैचुरल एक्टिंग स्टाइल के लिए पहचाने जाते हैं। उनके साथ नजर आएंगे अभिनेता रोशन मैथ्यू, जो पहली बार एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं। रोशन की कास्टिंग इस कहानी को एक नया दृष्टिकोण देती है, जबकि दिलीश पोट्टन का अनुभव फिल्म की गहराई को और मजबूत करता है।
मलयालम सिनेमा में यथार्थवादी पुलिस ड्रामाओं की लंबी परंपरा रही है— रोंथ उसी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास है। Junglee Pictures द्वारा इस शैली को अपनाना इस बात का संकेत है कि कंपनी अब केवल हिंदी सिनेमा तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि क्षेत्रीय कहानियों में भी निवेश कर रही है—जो स्थानीय संस्कृति और मानवीय भावनाओं से गहराई से जुड़ी हों।
फिल्म के पहले टीज़र और विजुअल्स से साफ है कि यह एक किरदार-प्रधान कहानी होगी, जो पुलिस सेवा के भीतर के नैतिक संघर्षों और मानव पक्ष को गहराई से टटोलती है। यह सिर्फ एक थ्रिलर नहीं बल्कि भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी समृद्ध फिल्म होने की उम्मीद है।
रोंथ के साथ Junglee Pictures ने न केवल मलयालम सिनेमा में प्रवेश किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि वह सिनेमा की विविधता और क्षेत्रीयता को समझते हुए गुणवत्ता पर निवेश करने के लिए तैयार हैं। शाही कबीर, रोशन मैथ्यू और दिलीश पोट्टन जैसे नामों से सजी यह फिल्म निश्चित रूप से मलयालम सिनेमा के लिए एक मजबूत प्रस्तुति साबित हो सकती है। यह कदम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है कि वे क्षेत्रीय कहानियों में निवेश कर एक बड़ी सांस्कृतिक पहुंच बना सकते हैं।