मशहूर गायक गुरु रंधावा ने प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेले में आकर गंगा नदी में स्नान किया। गुरु ने इस आध्यात्मिक अनुभव को एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया। गंगा स्नान के वीडियो और तस्वीरों को साझा करते हुए उन्होंने लिखा, “मां गंगा में पवित्र स्नान करने का सौभाग्य मिला, जहां आस्था प्रवाहित होती है और आध्यात्मिकता फलीभूत होती है। भगवान के आशीर्वाद के साथ अपनी नई यात्रा शुरू कर रहा हूं। हर हर गंगे!”
गुरु ने स्नान के दौरान परंपरागत विधियों का पालन किया। उन्होंने मंत्रोच्चार के बीच आस्था की डुबकी लगाई और फिर आरती में सम्मिलित होकर गंगा मां की स्तुति की। उन्होंने रात में नाव से गंगा दर्शन किए। उल्लेखनीय है कि गुरु अपने पंजाबी और बॉलीवुड गानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही दिग्गज एक्टर अनुपम खेर भी महाकुंभ पहुंचे थे। उन्होंने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस आध्यात्मिक यात्रा की झलकियां शेयर की थीं।
बता दें 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। अगली प्रमुख स्नान तिथियों में 29 जनवरी (मौनी अमावस्या - दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) शामिल हैं। अभी तक करोड़ों श्रद्धालु वहां पहुंच चुके हैं। महाकुंभ हर 144 साल बाद होता है।
‘मन्नत’ मामला : साल 2022 में शाहरुख-गौरी ने कलेक्टर MSD को एक लेटर लिखासुपरस्टार शाहरुख खान के बंगले ‘मन्नत’ से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल साल 2022 में शाहरुख ने एक याचिका दी थी कि उन्होंने उस जमीन के लिए मुंबई उपनगरीय जिले के कलेक्टर को ज्यादा राशि का भुगतान किया है, जिस पर उनका घर 'मन्नत' है। दो साल बाद महाराष्ट्र सरकार शाहरुख की याचिका को मंजूरी दे सकती है। इसके चलते शाहरुख को रिफंड के तौर पर करोड़ों रुपए मिल सकते हैं।
शाहरुख और गौरी खान का बंगला ‘मन्नत’ बैंड स्टैंड, बांद्रा पश्चिम में स्थित है। ये आलीशान घर राज्य सरकार द्वारा मूल मालिक को पट्टे पर दी गई जमीन पर बनाया गया है, जिसने सौदे को मंजूरी मिलने के बाद इसे शाहरुख को बेच दिया था। 2446 स्क्वायर मीटर में फैली प्रॉपर्टी को एक रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के जरिये शाहरुख और गौरी के नाम पर स्थानांतरित किया गया था। बाद में कपल ने राज्य सरकार की पॉलिसी का लाभ उठाने का फैसला किया जो लीज पर दी गई प्रॉपर्टी को (क्लास 2) को कंप्लीट ऑनरशिप (क्लास 2) में बदलने की अनुमति देती है।
दोनों ने राज्य की नीति के अनुसार मार्च 2019 में रेडी रेकनर कीमत का 25 प्रतिशत भुगतान किया, जिसकी गणना लगभग 27.50 करोड़ रुपए की गई थी। बाद में उन्हें पता चला कि सरकार की ओर से कन्वर्जन फी की गिनती करते समय गलती हुई थी और जमीन के टुकड़े के बजाय बंगले की कीमत को ध्यान में रखा गया था। इसलिए साल 2022 में कपल ने कलेक्टर MSD को एक लेटर लिखा और एक्स्ट्रा पेमेंट की वापसी की मांग की, जो लगभग 9 करोड़ रुपए बताई जा रही है।