उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी द्वारा अयोध्या के राम मंदिर पर बनाई गई फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है। यह फिल्म 29 मार्च को पूरे देश में रिलीज होगी। इस फिल्म की कहानी खुद वसीम रिजवी ने लिखी है। इसका निर्माण भी उन्होंने ही किया है। इस फिल्म में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को शामिल किया गया है। फिल्म को अयोध्या के कई महत्वपूर्ण स्थलों पर भी फिल्माया गया है। सनोज मिश्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मनोज जोशी, गोविंद नामदेव, नाजनीज पाटनी और राजवीर सिंह प्रमुख किरदारों में हैं। वसीम रिजवी की यह फिल्म अब पूरी तरह से विवादों में आ गई है। इस फिल्म का विरोध अब मुस्लिम संगठन ही कर रहे हैं। हाल ही में इस फिल्म को लेकर दो फतवे जारी किए गए हैं।
आल इंडिया उलेमा बोर्ड की मध्यप्रदेश इकाई ने फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ पर मंगलवार को दो फतवे जारी करने के साथ-साथ केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार से मंगलवार को मांग की कि वे इस फिल्म पर रोक लगाएं। एक फतवा इस फिल्म की मुस्लिम अभिनेत्री नाजनीन पाटनी के खिलाफ जारी कर उसे सलाह दी है कि वह अपने ईमान को तजदीद करे, जबकि दूसरे फतवे में देश के मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वह इस फिल्म को देखने से गुरेज करें। ये दोनों फतवे मंगलवार को आल इंडिया उलेमा बोर्ड के मध्यप्रदेश अध्यक्ष एवं काजी सय्यद अनस अली नदवी ने जारी किये।
आल इंडिया उलेमा बोर्ड, मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष नूर उल्लाह यूसुफ जई ने भोपाल में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया, ‘‘फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ न सिर्फ विवादित है, बल्कि दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाली है। इस फिल्म में शरीयत के साथ खिलवाड़ किया गया है। इस्लाम के दो अहम और संजीदा मुद्दों को विवादित करने की कोशिश की गई है।’’ ‘राम जन्मभूमि’ में दिखाए गए तीन तलाक के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘इस फिल्म में तीन तलाक को गलत तरह से पेश किया गया है। इसके अलावा, इसमें बताया गया है कि एक ससुर बहू के साथ हलाला करता है। यह पूरे तौर पर गलत है। पूरी दुनिया में इसकी मिसाल नहीं मिलती। इसने मुस्लिम समुदाय के जज्बात को बुरी तरह आहत किया है। बोर्ड यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा कि शरीयत से कोई खिलवाड़ करे।’’ आल इंडिया उलेमा बोर्ड, मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष नूर उल्लाह यूसुफ जई ने कहा कि हम मध्य प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ के प्रदर्शन पर 48 घंटे के अंदर रोक लगाई जाए। यदि 48 घंटे के अंदर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगाई गई, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटांगे।
गौरतलब है कि अपनी फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने के बाद वसीम रिजवी ने कहा था कि उनकी यह फिल्म राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले इस्लाम धर्म के ठेकेदारों पर करारा प्रहार करेगी। हम इस फिल्म में वह सब कुछ दिखा रहे हैं, जो एक सभ्य मुस्लिम समाज में नहीं होना चाहिए। रिजवी ने इसके साथ ही यह भी कहा था कि फिल्म का पहला पोस्टर और टीजर जारी होने के बाद उन्हें कई धार्मिक संगठनों से कानूनी नोटिस के साथ ही अंडरवल्र्ड से फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने की धमकियां मिल चुकी हैं।