मुंबई में एक भव्य समारोह में जारी की गई 2.0 की पहली झलक के बाद से ही यह फिल्म लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। यह फिल्म आगामी वर्ष दीवाली पर रिलीज़ होने वाली थी लेकिन अब यह अगले साल अप्रैल में रिलीज़ होगी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कारनामा करती है यह तो वक्त ही बताएगा। फ़िलहाल आए दिन कोई न कोई बात मीडिया के जरिए दर्शकों के सामने आ रही है, जीससे यह फिल्म दर्शको के ज़हन में बैठ गयी है।
आज हम आपको यह बताने जा रहे है की आखिर किस तरह से रजनीकांत की यह फिल्म अक्षय कुमार के पास आई। खबरों के मुताबिक कहा जा रहा है कि अक्षय कुमार से पहले निर्देशक शंकर डॉक्टर रिचर्ड के किरदार के लिए दक्षिण, बॉलीवुड और हॉलीवुड के सितारों के पास गए थे लेकिन सबने इस किरदार से इंकार कर दिया। एक मात्र सितारे नील नितिन मुकेश ऐसे थे, जो इस किरदार को करना चाहते थे, लेकिन रजनीकांत के सामने उनको मुकाबले में कमजोर पाया गया जिसके चलते नील नितिन मुकेश के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। शंकर ने हॉलीवुड के सितारे अर्नाल्ड श्वार्जनेगर के अतिरिक्त बॉलीवुड के आमिर खान, ऋतिक रोशन, दक्षिण भारत के विक्रम से बात की, लेकिन हरके ने कोई न कोई बहाना करके फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया। निर्देशक शंकर ने डॉक्टर रिचर्ड का किरदार कमल हासन को ध्यान में रखते हुए लिखा था। कमल हासन अत्यन्त प्रतिभाशाली हैं, लेकिन लोकप्रियता के मामले में वे रजनीकांत से कम हैं। कमल हासन ने शायद इसी के चलते रजनीकांत के सामने खलनायक बनने का साहस नहीं किया।
आधा दर्जन सितारों द्वारा ठुकराए गए इस किरदार का प्रस्ताव लेकर शंकर अक्षय कुमार के पास पहुंचे। अक्षय कुमार ने अपने किरदार को सुनने के तुरंत बाद फिल्म में काम करने की स्वीकृति दे दी लेकिन उन्होंने इसके बदले में 45 करोड की मोटी फीस की मांग की। शंकर ने उनकी मांग पूरी की और इस तरह से बॉलीवुड के खिलाडी कुमार तमिल फिल्मों में बतौर खलनायक प्रवेश कर गए।
अक्षय कुमार को इस किरदार के लिए खास मेकअप करना पडता है जिसे लगाने और उतारने में लगभग 5 घंटे का समय लगता है। ऐसा पहली बार होगा जब रजनीकांत की फिल्म के पोस्टरों में किसी को उनके बराबर जगह दी जाएगी। अक्षय कुमार को इस फिल्म के पोस्टरों में बराबर की जगह मिली है।
जब से इस फिल्म से अक्षय कुमार जुडे हैं दर्शकों का क्रेज इस फिल्म के प्रति बढ गया है, जिसे देखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि यह फिल्म अपनी लागत 450 करोड रुपये में से लगभग 125 करोड रुपया अक्षय कुमार के नाम पर हिन्दी बेल्ट से वसूल करने में सफल होगी। कहा जा रहा है कि 450 करोड के भव्य बजट में बनी इस फिल्म के क्लाइमैक्स पर 50 करोड का खर्चा आया है और इतना ही नहीं इसकी लागत बढ़ने का एक और कारण है रजनी कांत और एमी जैक्सन पर फिल्माया गया एक गाना जिसका खर्च लगभग 20 करोड़ रुपए है। इतने रुपये में तो कम से कम दो छोटे बजट की फिल्में आसानी से बनाई जा सकती हैं। बाहुबली के बाद भारत की यह दूसरी ऐसी फिल्म है जिसके वीएफएक्स पर दिल खोलकर खर्च किया जा रहा है। इससे महंगी फिल्म सिने उद्योग के इतिहास में कोई नहीं बनी है।