दिव्या भारती के पिता का निधन, स्वस्थ होकर घर लौटे रजनीकांत, नहीं रहे वायलिन वादक प्रभाकर जोग

मशहूर एक्ट्रेस रहीं दिव्या भारती की साल 1993 में एक बील्डिंग से गिरकर मौत हो गई थी। इस खबर से हर कोई सन्न रह गया था। किसी ने इसे साजिश माना तो किसी ने आत्महत्या। आज तक उनकी मौत की असलियत सामने नहीं आई है। अब खबर आ रही है कि दिव्या के पिता ओमप्रकाश भारती का शनिवार (30 अक्टूबर) को निधन हो गया। उनके निधन के समय दिव्या से शादी कर चुके प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला मौजूद थे। 'बॉलीवुड हंगामा' की एक रिपोर्ट की मानें तो साजिद हमेशा से दिव्या के पैरेंट्स को अपने माता-पिता की तरह मानते रहे हैं। दिव्या के जाने के बाद साजिद उनका पूरा ख्याल रखते थे।

दिव्या ने मौत से कुछ दिन पहले ही साजिद से शादी की थी। एक सूत्र ने बताया कि साजिद दिव्या के पिता के अंतिम संस्कार में भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि दिव्या ने साल 1992 में सनी देओल के अपोजिट 'विश्वात्मा' फिल्म से बॉलीवुड में एंट्री की थी। उनके निधन के बाद उनकी अंतिम फिल्म 'शतरंज' रिलीज हुई थी। दिव्या ने 10 मई 1992 को साजिद से निकाह किया था। दिव्या ने इस्लाम कुबूल कर अपना नाम सना नाडियाडवाला कर लिया था। शाहरुख खान की पहली फिल्म दीवाना में दिव्या ही हीरोईन थीं।

सुपरस्टार रजनीकांत ने फोटो शेयर कर फैंस को दी खुशखबरी

साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत के फैंस के लिए खुशखबरी है। रजनीकांत को रविवार रात अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वे स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं। रजनीकांत ने खुद एक फोटो शेयर कर यह जानकारी दी। रजनीकांत ने घर के अंदर जाते हुए एक फोटो शेयर की है। उन्होंने लिखा, 'घर वापस आ गया हूं।' इसके अलावा रजनीकांत का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे गाड़ी से अपने घर पहुंचते हैं। उनकी पत्नी लता दरवाजे के बाहर उनकी आरती उतारती हैं।

रजनीकांत को 28 अक्टूबर को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पत्नी लता और टीम का कहना था कि रजनीकांत 'रूटीन मेडिकल चेकअप' के लिए भर्ती हुए हैं। हालांकि बाद में एक सूत्र ने खुलासा किया था कि सीने में दर्द और चक्कर आने के बाद रजनीकांत को अस्पताल लाया गया है। डॉक्टरों ने जांच के बाद कैरोटिड आर्टरी रीवेसकुलराइजेशन सर्जरी करने की सलाह दी थी। सर्जरी के बाद अस्पताल ने बयान जारी किया था कि रजनीकांत ठीक से रिकवरी कर रहे हैं और उन्हें कुछ दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी रजनीकांत से मिलने अस्पताल पहुंचे थे।

छह दशक से संगीत की दुनिया में छाए हुए थे प्रभाकर जोग

भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए दुखभरी खबर है। मशहूर वायलिन वादक प्रभाकर जोग (89) रविवार को इस दुनिया को छोड़कर चले गए। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने महाराष्ट्र स्थित घर पर आखिरी सांस ली। जोग संगीत की दुनिया के बड़े चेहरों में से एक हैं। वे लगभग छह दशकों से संगीत की दुनिया में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। उन्होंने केवल हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी भाषा में भी संगीत की रचनाएं की हैं।

बारह वर्ष की आयु में जोग ने संगीत कार्यक्रमों में वायलिन बजाना शुरू कर दिया था, क्योंकि पिता की मृत्यु के बाद उन्हें घर चलाने के लिए पैसों की आवश्यकता थी। उन्होंने संगीतकार सुधीर फड़के के सहायक के रूप में भी काम किया। दिग्गज गायिका लता मंगेशकर ने मराठी में ट्वीट कर प्रभाकर जोग को श्रद्धांजलि दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ संगीत से जुड़ी कई हस्तियों ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया है।