अक्टूबर: सुबह के शो में सिर्फ 300 दर्शक

13 अप्रैल को ‘अक्टूबर’ रिलीज हुई और फिल्म की ओपनिंग उम्मीद से भी कम रही। सुबह के शो में दर्शकों की संख्या कम रही। आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स की बात की जाए तो बंगलुरु में 9, जयपुर में 41, पुणे में 51, मुंबई (मलाड) में 113 , मुंबई (घाटकोपर) में 21, मुंबई (नरीमन पाइंट) में 14, कोलकाता में 28 और इन्दौर में 54 दर्शक पहले शो में मौजूद थे।

दर्शकों की इस संख्या को देखकर पूरी तरह से यह स्पष्ट हो गया है कि यह फिल्म इस वर्ष की सबसे बड़ी असफल फिल्मों में शुमार होने जा रही है। साथ ही फिल्म को जिन दर्शकों ने देखा है उनमें से 99 प्रतिशत ने पूरी तरह से नकार दिया है।

पिछले एक माह से शूजित सरकार की फिल्म अक्टूबर का टे्रलर दर्शकों को फिल्म के प्रति उकसाने का काम कर रहा था। हम भी बहुत उम्मीदों के साथ पहली बार अपनी किसी महिला मित्र को लेकर (वैसे पूरे परिवार के साथ जाता हूं) जयपुर के गोलछा मल्टीप्लेक्स स्थित नाइल सिनेमाघर में पहुँचा, जहाँ दोपहर बारह बजे वाले शो में मात्र 20 दर्शक बैठे थे। मध्यान्तर के बाद 7 दर्शक फिल्म को अधूरा छोड़ गए और शेष रहे 13 दर्शकों ने पूरी फिल्म को देखा। इन 13 में से एक दर्शक ने फिल्म की खूब तारीफ की।

रिलीज के पहले वरुण धवन की फिल्मों का जो क्रेज बनता है वो ‘अक्टूबर’ के रिलीज के पहले नहीं बन पाया। सभी जानते हैं कि यह फिल्म वरुण की अब तक की गई मसाला फिल्मों से अलग है। यह एक संजीदा फिल्म है और इसका दर्शक वर्ग अलग है, लिहाजा इस फिल्म की ओपनिंग वैसी नहीं होगी जैसी वरुण की फिल्मों की हुआ करती है।

जयपुर में जिन सिनेमाघरों में इसका प्रदर्शन हुआ है वहाँ फिल्म में कोई भी गीत नहीं दिखाया गया है, जबकि फिल्म के ट्रेलर में पाँच बेहद सुरीली गीतों का समावेश है। हमारी समझ से यह बाहर है कि जब ट्रेलर में गीतों को दिखाया गया और उन्हें अलग-अलग जगह पर लाँच किया गया तो फिर फिल्म से गीत क्यूं कर हटाए गए।