राजनीतिक सिनेमा के लिए ‘गेम चेंजर’ होगी ‘द एक्सीडेंटल’

जब से फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर जारी हुआ है तभी से यह फिल्म राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ट्विटर पर इसे अपनी टाइमलाइन पर शेयर किया है, वहीं कांग्रेस ने इसकी कथावस्तु पर आपत्ति जताई है।

आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए वह इसको एक हथियार के रूप में काम लेना चाहती है।
हाल ही में ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के निर्माता सुनील बोहरा ने अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि वे जानते थे कि इसे राजनीतिक प्रचार वाली फिल्म माना जाएगा, लेकिन वे इसके लिए भी सुनिश्चित थे कि यह फिल्म भारत में राजनीतिक सिनेमा के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होगी। इसे लिखने में दो साल लगे, लगभग आधा साल बनाने में लगा लेकिन बहुत लंबे समय तक याद रहेगी, क्योंकि इसमें सभी किरदारों को उनके वास्तविक नाम दिए गए हैं।

यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वर्ष 2004 से 2008 तक मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू के 2014 में लिखे इसी नाम की किताब पर आधारित है। फिल्म में स्वयं संजय बारू के किरदार को अक्षय खन्ना ने अभिनीत किया है। फिल्म में अभिनेता अनुपम खेर ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का किरदार निभाया है।

आगामी लोकसभा देखते हुए फिल्म के प्रचार करने वाली फिल्म बनने की बातों पर बोहरा ने कहा, ‘मुझे पता है, और मैं जानता था कि यही होगा और सिनेमा में फिल्म आने के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा। लोग मुद्दा उठाने की अपेक्षा फिल्म में हमारी कठिन मेहनत का सम्मान करेंगे।’ बोहरा इससे पहले ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘शाहिद’, ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘मस्तराम’ जैसी फिल्में बना चुके हैं, उनका कहना है कि हर फिल्म में खतरा होता है।

भारत में राजनीतिक फिल्म के निर्माण के खतरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिना खतरे के कोई भी फिल्म नहीं बन सकती। वे इसकी रिलीज के बाद मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार हैं। प्रतिक्रियाएं होंगी। यह एक लोकतांत्रित देश है। अपनी राय रखने का सबको अधिकार है, और मुझे जो भी मिलेगा मैं उसका सम्मान करूंगा। इसका निर्देशन विजय रत्नाकर गुट्टे ने किया है।