प्रदर्शन पूर्व 40 करोड़ के मुनाफे में आई ‘जीरो’, फिर भी चाहिए 180 करोड़

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की बहुप्रतीक्षित और बहुप्रचारित और आगामी सप्ताह प्रदर्शित होने जा रही फिल्म ‘जीरो (ZERO)’ को लेकर कहा जा रहा है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ के आंकड़ें को छूने में नाकामयाब होगी। ऐसे में जबकि फिल्म की लागत ही 200 करोड़ है तो फिर यह कैसे सफलता प्राप्त करेगी, यही आश्चर्य का विषय है। लेकिन शाहरुख खान ने अपनी फिल्म को इस तरह से बेचा है कि उन्होंने प्रदर्शन पूर्व ही न सिर्फ लागत निकालने में कामयाबी प्राप्त कर ली है अपितु 40 करोड़ का मुनाफा भी कमा लिया है।

बताया जा रहा है कि शाहरुख खान ने सैटेलाइट, डिजीटल, म्यूजिक और अन्य राइट्स 100 करोड़ में बेचकर आधी लागत पहले से ही वसूल कर ली है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी फिल्म के ओवरसीज राइट्स 40 करोड़ में बेचे हैं साथ ही भारत में फिल्म को स्वयं वितरित न करके प्रति टैरेटरी के हिसाब से बेचा है जिससे उन्होंने 100 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए हैं।

बॉलीवुड में वितरकों को फिल्म बेचने का पुन: प्रयास वर्ष 2016 से शुरू हुआ, जब राकेश रोशन ने अपनी फिल्म ‘काबिल’ को वितरकों में बेचकर स्वयं को सुरक्षित किया। इस बार यही तरीका शाहरुख खान ने अपनाया है। उन्हें इस बात का अहसास हो चुका है कि वे अपने बूते फिल्म को प्रदर्शित करके लागत वसूल नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने प्रति टैरेटरी के हिसाब से फिल्म को बेचा है और वितरकों को यह आश्वासन दिया है कि यदि फिल्म उनकी लागत निकालने में सफल नहीं हो पाती है तो वो नुकसान की भरपाई करेंगे और यदि सफल हो जाती है और मुनाफा मिलने लगता है तो उस मुनाफे में 85 हिस्सा उनका होगा। वितरक की लागत निकलने के बाद मुनाफे में सिर्फ 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी अर्थात् उसे अपनी रकम का ब्याज मिलना शुरू होगा, जो सीमित रहेगा। ‘जीरो’ को वितरकों को 100 करोड़ में बेचा गया है। इस लागत को निकालने के लिए फिल्म को कम से 170-180 करोड़ का कारोबार करना पड़ेगा उसके बाद यह फिल्म मुनाफे का सौदा साबित होगी। और इसी बात की संभावना कम नजर आती है, क्योंकि शाहरुख खान की पिछली सफल फिल्मों का कारोबार 135 करोड़ तक ही सिमट गया है।