'लोगों के पास खाने को नहीं है, लेकिन कपड़ों पर विवाद जारी', पठान कंट्रोवर्सी पर बोली रत्ना पाठक

पठान फिल्म के बेशर्म रंग गाने पर मचे विवाद के बीच रत्ना पाठक शाह ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा लोगों के पास खाने को नहीं है, लेकिन किसी और के कपड़ों पर जरूर विवाद करना नहीं भूलते।

रत्ना पाठक ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया कि एक आर्टिस्ट के तौर पर ये बिल्कुल मायने नहीं रखता कि आपने कब-कौन से रंग के कपड़े पहने हैं। उस पर भी ये नेशनल टॉपिक बन जाए। ये बात करने लायक टॉपिक ही नहीं है।

रत्ना ने बातचीत में कहा - हम एक बहुत ही नासमझी के दौर में जी रहे हैं। अगर ये ही सब बातें आपके दिमाग में चलती रहेंगी, तो कुछ सही नहीं होगा। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में मैं बहुत ज्यादा बात करना चाहूंगी या इसे ज्यादा महत्व दूंगी।

रत्ना ने बातचीत में आगे कहा- मुझे लगता है, इस वक्त जितने लोग एक्टिव दिख रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा सेंसिबल लोग इस दुनिया में हैं। वे निकल आएंगे, क्योंकि जो हो रहा है, यह भय की भावना, बहिष्कार की भावना है, जो कि टिकाऊ नहीं है। ये ज्यादा लंबा नहीं चलेगा। मुझे लगता है इंसान एक वक्त तक ही ऐसे नफरत के दौर को झेल सकता है। हर किसी के मन में एक विद्रोह होता है, लेकिन तब आप नफरत से थक जाते हैं। मैं उस दिन के आने का इंतजार कर रही हूं।