थिएटर के जरिये पहचानी जाती है अभिनय क्षमता: आहना कुमरा

इस वर्ष बॉलीवुड फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर (The Accidental Prime Minister)’ में अपनी अभिनय क्षमता को बखूबी दर्शाने में कामयाब रही आहना कुमरा (Aahana Kumra) का कहना कि फिल्मों से कहीं ज्यादा अभिनय के लिए रंगमंच मायने रखता है। यह एक मात्र ऐसा मंच है जिसके जरिये अभिनय करने वाले को अपनी वास्तविक अभिनय क्षमता का पता चलता है। उनका कहना है कि भले ही वह फिल्म अभिनेत्री बनने का सपना लिए बड़ी हुई हों, लेकिन एक कलाकार के लिए थिएटर (रंगमंच) को वह वास्तविक माध्यम मानती हैं।

एक न्यूज एजेंसी को दिए अपने एक साक्षात्कार में उन्होंने यह पूछे जाने पर कि अभिनय का कौन सा माध्यम उनके भीतर के कलाकार को आकर्षित करता है तो आहना कुमरा ने कहा, सिनेमा, वेब शोज मुझे कई प्रयोगात्मक किरदार करने का मौका देते हैं, लेकिन मैं कहूंगी कि जब कलाकार के लिए माध्यम की बात आती है तो वह थिएटर है फिल्म नहीं। परफॉर्मेस पूरा होने के बाद अंत में फिल्म में एडिटिंग के दौरान उनका कौन सा दृश्य रखा जाता है यह उनके हाथ में नहीं है। वहीं, दूसरी ओर थिएटर में अगले 45 मिनट या एक घंटे परफॉर्म करने के दौरान मंच पर गतिविधि, हावभाव, तुरंत प्रतिक्रिया पाने आदि पर उनका नियंत्रण होता है।

एक न्यूज एजेंसी को दिए अपने एक साक्षात्कार में उन्होंने यह पूछे जाने पर कि अभिनय का कौन सा माध्यम उनके भीतर के कलाकार को आकर्षित करता है तो आहना कुमरा ने कहा, सिनेमा, वेब शोज मुझे कई प्रयोगात्मक किरदार करने का मौका देते हैं, लेकिन मैं कहूंगी कि जब कलाकार के लिए माध्यम की बात आती है तो वह थिएटर है फिल्म नहीं। परफॉर्मेस पूरा होने के बाद अंत में फिल्म में एडिटिंग के दौरान उनका कौन सा दृश्य रखा जाता है यह उनके हाथ में नहीं है। वहीं, दूसरी ओर थिएटर में अगले 45 मिनट या एक घंटे परफॉर्म करने के दौरान मंच पर गतिविधि, हावभाव, तुरंत प्रतिक्रिया पाने आदि पर उनका नियंत्रण होता है।