स्वरा भास्कर ने नागरिकता बिल पर दिया विवादित बयान, कहा - 'हैलो हिंदू पाकिस्तान'

राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने इस बार नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ बोलते हुए विवादित बयान दे डाला है। बता दे, नागरिकता संशोधन बिल (CAB), 2019 सोमवार देर रात लोकसभा से पास हो गया है। इस बिल के पास होने के बाद स्वरा भास्कर ने ट्विट कर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए लिखा कि (भारत में...) धर्म नागरिकता का आधार नहीं है। धर्म भेदभाव का आधार नहीं हो सकता। राज्य धर्म के आधार पर फैसला नहीं ले सकता। नागरिकता संशोधन बिल ने मुसलमानों को स्पष्ट रूप से बाहर रखा है... -NRC/CAB प्रोजेक्ट में जिन्ना का पुनर्जन्म हुआ है। हिन्दू पाकिस्तान को मेरा हैलो!

बता दे, स्वरा भास्कर मोदी सरकार के खिलाफ बयानबाजी से जरा भी नहीं कतराती हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान स्वरा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे किसानी की हत्यारी सरकार बताया था। पिछले दिनों एक्ट्रेस ने JNU में फीस बढ़ोतरी विवाद पर रिएक्ट करते हुए स्टूडेंट्स का सपोर्ट किया था। साथ ही हायर एजुकेशन के लिए पब्लिक फंडिंग की वकालत की थी।

बता दें कि सोमवार को तकरीबन 7 घंटे चली तीखी बहस के बाद देर रात लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। जिसे मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हालांकि, विपक्ष इसे भारत के लिए काला दिन बता रहा है। बिल के पक्ष में 311, जबकि विरोध में 80 वोट पड़े। शिवसेना ने बिल के पक्ष में मतदान किया। अब लोकसभा के बाद राज्यभा में बिल का पास होना बाकी है। बता दे, नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है। इसके बावजूद विपक्ष राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने में बहुत मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, वामदल के 6 और डीएमके के 5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य हैं। इसके के अलावा टीडीपी के 2, मुस्लिम लीग के 1 पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस के 1 और टीआरएस के 6 सदस्य हैं। इस तरह विपक्ष के पास 100 सदस्य होते हैं।

वही नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में जिन दलों ने समर्थन किया है। इस लिहाज से राज्यसभा में आंकड़ों को देखें तो यह संख्या 121 है। इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11, अकाली दल के 3, शिवसेना के 3, जेडीयू के 6 वाईएसआर कांग्रेस के 2, एलजेपी के 1, आरपीआई के 1 और 4 नामित राज्यसभा सदस्य हैं।

बता दे, पिछले दो सालों में बीजेपी और एनडीए की ताकत राज्यसभा में बेहतर हुई है। राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं, लेकिन पांच सीटें रिक्त हैं, जिसके चलते फिलहाल कुल सदस्यों की संख्या 240 है। मतलब ये कि अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 121 वोट की जरूरत पड़ेगी।