ऐसा था बॉलीवुड के धोनी का करियर, 7 साल, 10 फिल्में, 4 सुपरहिट, 2 हिट, 4 असफल

14 जून का दिन बॉलीवुड और सिनेप्रेमियों के लिए एक ऐसी खबर लाया जिसने उन्हें अन्दर तक झकझोर के रख दिया। वर्ष 2016 में टीम इंडिया के कप्तान एम.एस. धोनी के जीवन पर बनी इसी नाम की फिल्म में धोनी के रूप में नजर आए सशक्त अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अपने मुम्बई स्थित घर में आत्महत्या कर ली। लॉकडाउन के चलते बंद पड़े फिल्म उद्योग में पिछले तीन महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ सितारों ने यह कदम उठाया है।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोडक़र अभिनय की दुनिया में आए सुशांत सिंह राजपूत ने टीवी और फिल्मों से पहले श्यामक डावर की डांस क्लास में नृत्य के गुर सीखे। वे नृत्य में इतने परिपक्व हो गए कि उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में बैकग्राउण्ड डांसर बने। इसके अतिरिक्त उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स में भी डांस करने का मौका मिला। श्यामक डावर की डांस क्लास में उन्होंने देखा कि उनके साथ नर्तक डांस के साथ-साथ अभिनय का प्रशिक्षण भी ले रहे हैं तो उन्होंने भी नादिर बब्बर के एक्टिंग स्कूल में दाखिला ले लिया।

अभिनय का ऐसा चस्का लगा कि उन्होंने पूरी तरह से इसे अपनाने के लिए अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी। सबसे पहले उन्होंने एक कम्पनी का एड किया। बालाजी टेलीफिल्म वालों ने सुशांत सिंह राजपूत को एक नाटक में देखा था जहाँ उन्हें उनका अभिनय बेहद पसन्द आया। उन्होंने सुशांत को अपने एक धारावाहिक ‘किस देश में है मेरा दिल’ में एक छोटा मगर वजनदार किरदार दिया। अपने अभिनय से सुशांत ने इस किरदार को बेहद लोकप्रिय बनाया। धारावाहिक में उनका किरदार मर जाता है लेकिन यह इतना लोकप्रिय हो चुका था कि निर्माताओं को इस किरदार को फिर से एक आत्मा के रूप में वापस लाना पड़ा। यह तब अपने आप में एक रिकॉर्ड था। इस धारावाहिक के बाद एकता कपूर ने उन्हें ‘पवित्र रिश्ता’ में मुख्य भूमिका में लिया। अंकिता लोखंडे के साथ दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया। वे घर-घर में पहचाने जाने लगे। लेकिन लगातार दो साल इस धारावाहिक में नजर आने के बाद अचानक उन्होंने टीवी की दुनिया को अलविदा कह दिया और फिल्मों में अपना भाग्य आजमाने पहुँच गए।

वर्ष 2013 में अभिषेक कपूर फिल्म ‘काई पू छे’ बना रहे थे, जिसके लिए उन्हें नए सितारों की आवश्यकता थी। कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा ने उन्हें सुशांत सिंह राजपूत का नाम सुझाया और देखते ही देखते सुशांत फिल्मों में आ गए। ‘काई पू छे’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता प्राप्त की और इसके लिए सुशांत सिंह ने पहला पुरस्कार भी जीता था। इस फिल्म के बाद उन्हें यशराज बैनर की ‘शुद्ध देसी रोमांस’ मिली लेकिन यह फिल्म असफल रही। असफलता के बावजूद आदित्य चोपड़ा ने उन्हें दूसरी बार ब्योम्केश बख्शी में दिबाकर बनर्जी के निर्देशन में मौका दिया। अफसोस यह फिल्म भी असफल रही लेकिन सुशांत को फिल्में मिलती रहीं। इसी बीच 2014 में रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म पीके में भी सुशांत नजर आए। राजकुमार हिरानी की फिल्म में उन्होंने सरफराज़ युसूफ नामक किरदार निभाया जो कि अनुष्का शर्मा का प्रेमी रहता है। आमिर और अनुष्का जैसे कलाकारों के बीच छोटे से रोल में भी सुशांत अपनी छाप छोडऩे में सफल रहे। इस फिल्म ने उन्हें ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचाने में मदद की।

धोनी से मिली व्यापक सफलता

युवा निर्देशक नीरज पांडे ने टीम इंडिया के कप्तान धोनी को छोटे से समय में मिली कामयाबी को देखने के बाद उनके जीवन पर फिल्म बनाने की घोषणा की जिसके लिए उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत का चयन किया। अब तक अक्षय कुमार के साथ फिल्में बनाने वाले नीरज पांडे ने दूसरी बार ऐसा कदम उठाया था जब वे अक्षय के स्थान पर किसी और को लेकर फिल्म बना रहे थे। ‘धोनी’ को लेकर बॉक्स ऑफिस पहले से ही बहुत आशान्वित था, लेकिन संशय था तो सिर्फ सुशांत को लेकर क्योंकि वे ज्यादा लोकप्रिय नहीं थे। लेकिन धोनी सुशांत को लेकर बनी और प्रदर्शित हुई। इस फिल्म की सफलता में जहाँ धोनी का नाम शामिल था वहीं सुशांत के अभिनय ने भी दर्शकों को खासा प्रभावित किया। सुशांत सिंह के करियर की यह पहली सौ करोड़ी फिल्म साबित हुई, हालांकि इससे पहले उनकी आमिर खान के साथ ‘पीके’ आ चुकी थी लेकिन इसमें वे नायक नहीं थे।

धोनी को परदे पर धोनी के रूप में पेश करने के लिए सुशांत ने अथक परिश्रम किया। महेंद्र सिंह धोनी के साथ खासा वक्त गुजारा और उनकी बॉडी लैंग्वेज और आदतों को बारीकी से देखा। पसीना भी बहाया। स्क्रीन पर उनका क्रिकेट एक खिलाड़ी की तरह लगे इसके लिए सुशांत ने मैदान में एक खिलाड़ी की तरह प्रैक्टिस की। अभिनय भी उनका बढिय़ा था। परदे पर उन्हें देख दर्शक भूल गए कि यह धोनी नहीं सुशांत है। धोनी के संघर्ष, निजी जीवन और क्रिकेट मैदान के खिलाड़ी अवतार को सुशांत ने अपने अभिनय से बखूबी दर्शाया।

‘धोनी’ की सफलता के बाद वर्ष 2017 में सुशांत सिंह राजपूत निर्माता निर्देशक दिनेश विजन की फिल्म ‘राब्ता’ में नजर आए। यह दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेता रामचरण तेजा और काजल अभिनीत निर्देशक एस.एस. राजामौली की फिल्म ‘मगधीरा’ का अवैध हिन्दी रीमेक था। करोड़ों की लागत खर्च करके इतनी बचकाना फिल्म दिनेश विजन ने बनाई थी, जिसे सुशांत सिंह राजपूत उर्फ ‘धोनी’ भी नहीं बचा सके थे। फिल्म वितरकों को भारी नुकसान हुआ।

एक बार फिर से अभिषेक कपूर ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर फिल्म बनाने की घोषणा की। यह 2016 में उत्तराखण्ड में आई त्रासदी पर आधारित ‘केदारनाथ’ थी, जिसके जरिये सारा अली खान ने अपना करियर शुरू किया। वर्ष 2018 में प्रदर्शित हुई ‘केदारनाथ’ बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। इसने 70 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया था।

छिछोरे ने किया 150 करोड़ से ज्यादा का कारोबार

आमिर खान को लेकर दंगल बनाने वाले लेखक निर्देशक नितेश तिवारी ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर वर्ष 2019 में ‘छिछोरे’ बनाई। वर्ष के मध्य में प्रदर्शित हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी कामयाबी प्राप्त की। साजिद नाडियाडवाला निर्मित इस फिल्म को मात्र 53 करोड़ की लागत में बनाया गया था, जबकि इसने बॉक्स ऑफिस पर 153 करोड़ का कारोबार करके बॉलीवुड को चौंका दिया था। इतने बड़े कारोबार की इस फिल्म से उम्मीद नहीं थी। इस फिल्म से पहले सुशांत को बड़ी असफलता हाथ लगी फिल्म ‘सोनचिडिय़ा’ में। इस फिल्म की असफलता का आलम यह था कि यह सिनेमाघरों का किराया तक नहीं निकाल सकी थी। करण जौहर निर्मित ‘ड्राइव’ तो इतनी बुरी फिल्म थी कि इसे सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया गया, वहाँ भी इसे असफलता ही हाथ लगी।

इन दिनों हाथ में थी सिर्फ एक फिल्म

सुशांत सिंह राजपूत के हाथ में इन दिनों सिर्फ एक ही फिल्म थी ‘दिल बेचारा’, जिसका निर्देशन मुकेश छाबड़ा ने किया है। पहले यह फिल्म नवम्बर 2019 में प्रदर्शित होनी थी लेकिन किन्हीं परिस्थितियों के चलते इसे मई 2020 में प्रदर्शित किया जाना था लेकिन लॉकडाउन के चलते यह प्रदर्शित नहीं हो सकी। अब इसे 16 जून को ओटीटी पर प्रदर्शित किया जा रहा है। इस फिल्म के जरिये सुशांत एक और नई तारिका संजना सांघी को पेश करने जा रहे थे। ‘दिल बेचारा’ ‘द फॉल्ट इन अवर स्टार’ का रीमेक है।

बतौर नायक की 10 फिल्में

कुल मिलाकर सुशांत ने बतौर हीरो दस फिल्में की, जिसमें से ‘पीके’ में हीरो नहीं थे। इनमें से 4 सफल रही। इसके बावजूद सुशांत के पास इन दिनों कोई फिल्म नहीं थी। वे पूरी तरह से खाली बैठे थे। शायद यही खालीपन और इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर न होना भी उनकी परेशानी का सबब बना।

बहरहाल छोटे से करियर में सुशांत राजपूत ने आदित्य चोपड़ा, करण जौहर, साजिद नाडियाडवाला, विधु विनोद चोपड़ा जैसे निर्माताओं और नीरज पांडे, नितेश तिवारी, अभिषेक कपूर, अभिषेक चौबे, राजकुमार हिरानी जैसे निर्देशकों के साथ काम किया। यह उनके लिए बड़ी सफलता थी।