चली भंसाली द्वारा ‘बैजू बावरा’ को रीमेक करने की हवा, क्या वास्तव में बनाएंगे

बॉलीवुड के गलियारों में गत एक वर्ष से निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) द्वारा अगली फिल्म बनाए जाने की कई खबरें आती रही हैं, लेकिन अभी तक किसी भी फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। पिछले एक वर्ष से उनके सलमान खान (Salman Khan)-शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के साथ फिल्म बनाने, सलमान खान (Salman Khan) को लेकर ‘इंशाअल्लाह’ नामक फिल्म शुरू करने और ‘हीरामंडी’ नामक फिल्म को लेकर समाचार आते रहे हैं। बीच में सुनाई दे रहा था कि वे बतौर निर्माता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को लेकर ‘राउड़ी राठौर’ बनाने जा रहे हैं। इन सभी फिल्मों को लेकर जो भी समाचार आए वे सब अफवाह मात्र निकले हैं और अब उनके द्वारा एक और फिल्म बनाये जाने की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि वे विजय भट्ट की सुप्रसिद्ध फिल्म ‘बैजू बावरा (Baiju Bawra)’ का रीमेक बनाने की तैयारी में हैं।

जानेमाने फिल्मकार सुपर हिट फिल्म ‘बैजू बावरा (Baiju Bawra)’ का रीमेक बना सकते हैं। संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) फिल्म ‘पद्मावत’ के बाद इन दिनों तीन-चार फिल्मों को तैयारियों में लगे हुए हैं। खबर है कि भंसाली ने 50 के दशक में बनी सुपरहिट फिल्म ‘बैजू बावरा (Baiju Bawra)’ के रीमेक अधिकार खरीद लिए हैं। 5 अक्टूबर 1952 को प्रदर्शित हुई बैजू बावरा में भारत भूषण के साथ मीना कुमारी ने अहम् भूमिका निभाई थी। यह फिल्म प्रसिद्ध संगीतज्ञ बैजू बावरा के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का निर्माण प्रकाश पिक्चर्स ने किया था और इसका निर्देशन विजय भट्ट (Vikram Bhatt) का था।

बैजू बावरा (Baiju Bawra) ने अपने समय में भारतीय सिनेमा घरों में डायमंड जुबली मनाई थी। उस वक्त फिल्में बॉक्स ऑफिस पर 25 सप्ताह (सिल्वर जुबली), 50 सप्ताह (गोल्डन जुबली), 75 सप्ताह (प्लेटेनियम जुबली) और 100 सप्ताह (डायमंड जुबली) पूरे करते हुए एक ट्रॉफी प्राप्त करती थी। बैजू बावरा ने सिनेमाघरों में 100 सप्ताह से ज्यादा समय का प्रदर्शन किया था। इस फिल्म के पहली बार मीना कुमारी को फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस पुरस्कार मिला था। इसी फिल्म के गीत ‘तू गंगा की मौज मैं जमुना की धारा हो रहेगा मिलन ये हमारा ओ हमारा तुम्हारा’ के पहला और एक मात्र फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। इस गीत को मोहम्मद रफी ने अपनी बेहद सुरीली और दिलकश आवाज में गाया था। नौशाद ने इस फिल्म के संगीत में पूरी तरह से क्लासिकल रागों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इसके गीतों में राग पूरिया धनश्री, तोड़ी, मालकौंस, दरबारी और देसी का प्रयोग किया। फिल्म के गीतों को शकील बदायूंनी ने लिखा था जो इससे पहले सिर्फ उर्दू में लिखा करते थे, लेकिन उन्होंने इस फिल्म के शुद्ध हिन्दी में गीतों की रचना की। यह उनकी पहली फिल्म थी और उन्हें बॉलीवुड में नौशाद ने परिचित कराया था। इस फिल्म के सभी को सराहा गया था और शकील बदायूंनी द्वारा लिखा भजन ‘मन तड़पत हरि दर्शन को आज’ विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ था। ‘बैजू बावरा’ ने अपने समय में बॉक्स ऑफिस पर 12.5 मिलियन का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी। यह अपने समय की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी।