सामने आया ऋषि कपूर के आखिरी पलों का वीडियो जो बताता है कि एक जिंदादिल इंसान ही कर सकता है ऐसा

बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का मुंबई में मरीन लाइंस के चंदनवाड़ी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। दोपहर 3:45 बजे उनका पार्थिव शरीर श्मशान घाट लाया गया था। जिसके बाद श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। श्मशान घाट में शव लाने के बाद करीब आधे घंटे के अंदर ही ऋषि कपूर के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।

आपको बता दे, 2 साल तक कैंसर से लड़ाई लड़ने के बाद बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर का आज निधन हो गया। मुंबई के गिरगांव इलाके में स्थित सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में ऋषि कपूर ने आज सुबह 8:45 मिनट पर आखिरी सांस ली। अंतिम वक्त में उनके साथ पत्नी नीतू, बेटे रणवीर समेत पूरा परिवार मौजूद रहा।

ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं। पर, वह कैसे जिंदादिल और बहादुर इंसान थे इसका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस पुराने वीडियो में पिछले दिनों अस्पताल के बेड पर पड़े ऋषि कपूर एक अस्पताल कर्मचारी से गाना सुन रहे हैं। यह गाना है, तेरे दर्द से दिल आबाद रहा... बताया जा रहा है कि इस वीडियो में कैद हैं ऋषि कपूर के आखिरी पल। इतना ही नहीं गाना सुनने के बाद वह उसे तमाम दुआएं भी देते हैं और प्रोत्साहित भी करते हैं। बता दें कि ये गाना ऋषि कपूर की 1992 की फिल्म दीवाना का है। फिल्म में दिव्या भारती और शाहरुख खान मुख्य भूमिकाओं में थे।

आईपीएस पंकज नैन ने अपने इंस्टा पर इस वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'ऐसे होते हैं महान इंसान। एक आम आदमी को उस वक्त मोटिवेट कर रहे हैं जबकि खुद अस्पताल के बिस्तर पर हैं। आप हमेशा ही पॉजिटिविटी के लिए याद किए जाएंगे।'

बता दे, गंभीर बीमाारी का पता चलने के बाद से अपने आखिरी वक्त तक वह हमेशा पॉजिटिव रहे। उनके डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कहना है कि ऋषि ने उनको आखिरी वक्त तक एंटरटेन किया। उनकी फैमिली की तरफ से जारी नोट में लिखा है कि ऋषि आंसुओं नहीं बल्कि मुस्कुराहट के साथ याद किए जाना चाहते थे। उन्होंने बीमारी के दौरान भी जिंदगी को उत्साह के साथ जिया।

परिवार के नोट में भी ऐसा लिखा

नोट में लिखा है, ' हमारे करीबी ऋषि कपूर का आज सुबह 8:45 पर निधन हो गया। वो पिछले दो सालों से ल्यूकेमिया से ग्रेसित थे। अस्पताल में डॉक्टर ने अंतिम क्षण तक उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की थी। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने बताया कि वह आखिरी वक्त तक उनका मनोरंजन करते रहे थे। वह दो महाद्वीपों में इलाज के दौरान हमेशा खुश और जिंदगी को पूरी तरह से जीने के लिए उत्साहित रहे। ऋषि पिछले दो सालों से खुद को मजूबत रख रहे थे। वो जिंदादिली से जीने की कोशिश कर रहे थे। परिवार, दोस्त,और फिल्म हमेशा उनके फोकस में रहीं। उन से जो भी मिलता था, वो ये देख हैरान रह जाता था कि इस बीमारी के बीच भी वे खुश थे और अपनी बीमारी को कभी अपने पर हावी नहीं होने देते थे। वो इस बात से खासा खुश थे कि उन्हें अपने फैंस से इतना प्यार मिल रहा था। आप सभी जानते होंगे कि ऋषि की यही इच्छा रही है कि उन्हें हर कोई एक मुस्कान के साथ विदा करे बजाय आंसुओं के।'