इस एक्टर को पसंद नहीं आई सितारों से सजी ‘हीरामंडी : द डायमंड बाजार’ वेब सीरीज, पोस्ट कर बताई ये खामियां

मशहूर फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड वेबसीरीज 'हीरामंडी : द डायमंड बाजार' बुधवार (1 मई) से ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होना शुरू हो गई है। इसमें बॉलीवुड के कई दिग्गज स्टार हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेख, अदिति राव हैदरी, शर्मिन सहगल मेहता, फरीदा जलाल, शेखर सुमन, फरदीन खान और अध्ययन सुमन के नाम शुमार हैं।

अब कई टीवी सीरियल और रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी' में काम कर चुके एक्टर शीजान खान ने इसका रिव्यू किया है। शीजान 'हीरामंडी' देख निराश हैं और उन्होंने सीरीज में कमियां बताई हैं। शीजान ने सीरीज देखने के बाद एक पोस्ट शेयर की। शीजान ने इंस्टा स्टोरी पर लिखा, “फरीदा जलाल जी के अलावा! SLB की 'हीरामंडी' में कोई भी 'उर्दू' नहीं बोल सकता था!

किसी का नुख्ता, खा, कफ अपनी जगह पर नहीं है!! क्यों भाई क्यों? उर्दू के साथ इतनी नाइंसाफी. निराशाजनक।” सोशल मीडिया पर भी सीरीज को मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ दर्शक सीरीज को बेहतरीन बता रहे हैं तो कुछ लोगों को इसके लंबे एपिसोड और सीरीज का स्लो फ्लो पसंद नहीं आ रहा है।

संजय लीला भंसाली पहले इन सितारों को करना चाहते थे कास्ट

भंसाली ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 'हीरामंडी' का आइडिया उनके दिमाग में 18 साल से था। वे रेखा, करीना कपूर खान और रानी मुखर्जी को कास्ट करना चाहते थे। इनके अलावा वे पाकिस्तानी स्टार्स माहिरा खान, फवाद खान और इमरान अब्बास के बारे में भी सोच रहे थे, लेकिन साल 2016 में उरी अटैक के बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लग गया। बता दें की शीजान, तुनिशा शर्मा की मौत के मामले में भी चर्चा में रहे थे।

वे 'जोधा अकबर' और 'चांद जलने लगा' जैसे सीरियल में भी नजर आ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि ‘हीरामंडी’ का फोकस 1940 की उस कहानी पर है जब तवायफों ने आजादी की लड़ाई में अपना अहम योगदान दिया था। ब्रिटिशराज में किस तरह नवाबों के बीच तवायफों का अलग रसूख था इसे सीरीज में काफी बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। फिल्म का म्यूजिक और कहानी दोनों की तारीफ हो रही है। सीरीज को IMDb पर 10 में से 5.8 रेटिंग मिली है।