3 साल से अटकी है राम जेठमलानी की बायोपिक, मेकर्स के सामने ये बड़ी चुनौती

जाने माने वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का 95 साल की उम्र में रविवार सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह पिछले एक हफ्ते से कुछ ज्यादा ही बीमार थे और बेहद कमजोर हो गए थे। उनका जन्म सिंध प्रांत के सिखारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। उन्होंने 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री हासिल की थी। वकालत के करीब 70 साल के अपने करियर में उन्होंने कई बड़े केस लड़े। इंदिरा गांधी के हत्यारों से लेकर अफजल गुरू के मामले में भी जेठमलानी ने ही पैरवी की थी। उन्हें देश का सबसे महंगा वकील कहा जाता था।

बॉलीवुड पिछले काफी वक्त से उन पर एक बायोपिक फिल्म बनाने की तैयारी में था। हालांकि ये फिल्म अब तक बन नहीं सकी है। फिल्म का प्रोडक्शन रॉनी स्क्रूवाला के साथ मिलकर कुणाल खेमू और सोहा अली खान कर रहे हैं। 2016 से मेकिंग की प्रक्रिया में चल रही इस फिल्म का निर्देशन करने के लिए सोहा-कुणाल ने नेशनल अवॉर्ड विनर हंसल मेहता से बात की थी लेकिन उनके हां कहने के बारे में कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई। मेकर्स का कहना है कि वे बातचीत की अंतिम प्रक्रिया में हैं और एक बार लीगल चीजें हो जाएं तो काम को आगे बढ़ाया जाएगा। एक बार कॉन्ट्रैक्ट लॉक कर दिया जाए तो हंसल अपनी तैयारी और रिसर्च शुरू कर देंगे। वे खुद भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि इस बयान के बाद न तो हंसल की ओर से और न ही मेकर्स की तरफ से कुछ खास बड़ा बयान आया।

दरहसल, मेकर्स के सामने बड़ी चुनौती ये थी कि जेठमलानी के 70 साल के करियर और उनकी 95 साल की जिंदगी को 110 मिनट की फिल्म में कैसे पिरोया जाए? जहां तक किरदार की बात है तो काफी वक्त बाद प्रोड्यूसर कुणाल खेमू का ही नाम सामने आया।

क्या बोले कुणाल खेमू?

कुणाल ने कहा कि हम उनके बारे में किताबों में पढ़ते हैं। उनकी जिंदगी ऐसी है जिसे पर्दे पर दिखाया जाना चाहिए। हमारे पास कोई प्लान नहीं था, बस लगा कि हमें ये कहानी बतानी चाहिए। ये एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि ये रचनात्मक काम नहीं है। ये एक बायोपिक है। इस फिल्म के लिए बहुत सारी रिसर्च लगेगी।

जेठमलानी ने दी फिल्म की सहमति

कुणाल ने कहा कि हमें फिल्म बनाने के लिए उनकी जिंदगी दिखाने की अनुमति चाहिए थी। और हमें वो मिल गई। अब हम पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। HT की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेठमलानी जब 93 साल के थे तब कुणाल ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने बताया, 'हम दिल्ली में थे और मेरे तमाम दोस्त हैं जो लॉ कर चुके हैं। जब भी कोई केस स्टडी होती है तो राम जेठमलानी की बात आ जाती है। उन्हें कानून की दुनिया का भगवान माना जाता है।'

हमेशा महंगे वकील रहे जेठमलानी

राम जेठमलानी एक केस के लिए करीब कम से कम 25 लाख रुपये चार्ज करते थे। इतना ही नहीं जेठमलानी हर केस की हियरिंग (सुनवाई) के लिए भी अलग से चार्ज करते थे। अदालत में उनकी एक सुनवाई का चार्ज करीब 10 से 20 लाख रुपये के बीच होता था। केस के प्रति उनकी लगन को देखते हुए क्लाइंट उन्हें कोई भी रकम चुकाने को तैयार रहते थे। राम जेठमलानी सीनियर वकील होने के साथ-साथ राज्यसभा के सांसद भी थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में देश के कानून मंत्री भी रहे। राजनीति और वकालत के अलावा उनकी खेल में भी काफी रूचि थी। जेठमलानी बैडमिंटन देखने और खेलना काफी पसंद करते थे। उन्होंने अपने सांसद निवास में भी एक इनडोर बैडमिंटन कोर्ट बनवा रखा था।