फिल्म पाइरेसी से परेशान बॉलीवुड को बड़ी राहत पहुंचाते हुए मोदी सरकार ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट में बड़े बदलाव किए हैं। ट्विटर पर जानकारी देते हुए प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के निदेशक सितांशु कर ने कहा कि कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा।
Cinematograph Act 1957 में एक संशोधन जोड़ते हुए निर्माता की लिखित अनुमति के बिना किसी भी फिल्म को रिकॉर्ड करने पर इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।
इस कानून के तहत वो सभी लोग आएंगे जो फिल्म को रिकॉर्ड करते या ऐसी रिकॉर्डिंग का कारोबार करते पाए जाएंगे। हाल ही में बॉलीवुड के कई निर्माता और अभिनेता - अभिनेत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और फिल्म पाइरेसी की समस्या को खुल कर प्रधानमंत्री के सामने रखा था।
इस मुलाकात के बाद कैबिनेट की ओर से ऐसा नियम आना इसी बात का सूचक है कि प्रधानमंत्री ने फिल्म निर्माताओं की बात का संज्ञान लिया है। हाल ही में पाइरेसी के चलते कई फिल्में रिलीज़ से पहले ही लीक हो गई हैं और इन फिल्मों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है।