3 साल तक सेंसर बोर्ड के धक्के खाने और 19 कट के बाद प्रदर्शित होगी ‘ओमप्रकाश जिंदाबाद’

सेंसर सर्टिफिकेट पाने के लिए कई फिल्मों को सेंसर बोर्ड के वर्षों चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। हाल ही में आलिया भट्ट की माँ सोनी राजदान की फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट प्राप्त करने में 8 माह से ज्यादा का समय लग गया था। अब दिवंगत अभिनेता ओमपुरी की आखिरी फिल्म को सेंसर बोर्ड से तीन सालों की जद्दोजहद के बाद राहत मिली है। इसके लिए निर्माताओं को सेंसर की ट्रिब्यूनल बॉडी तक जाना पड़ा। वहाँ से फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट जारी हुआ है। मगर इसके लिए भी निर्माताओं को तीन साल का लम्बा इंतजार करना पड़ा।

दिलचस्प बात यह है कि फिल्म का शीर्षक बदल दिया गया है। पहले इसका नाम ‘रामभजन जिंदाबाद’ था। अब यह ओमपुरी को ट्रिब्यूट देते हुए ‘ओमप्रकाश जिंदाबाद’ नाम से प्रदर्शित होगी। इस बारे में फिल्म के निर्देशक रंजीत गुप्ता बताते हैं, ‘‘दरअसल सेंसर के ट्रिब्यूनल हेड ओमपुरी जी के बड़े फैन निकले। उन्होंने ही सलाह दी कि क्यों न इस फिल्म का शीर्षक रामभजन जिंदाबाद से बदलकर ओमप्रकाश जिंदाबाद कर दिया जाए। हमें भी उनका सुझाव पसन्द आया। अब फिल्म इसी नाम से प्रदर्शित होगी। इस बाबत एक कॉरपोरेट स्टूडियो के साथ हमारी बात चल रही है। हम जल्द ही प्रदर्शन तिथि की घोषणा करेंगे।’’

यह फिल्म मूल रूप से उत्तरप्रदेश में निचले तबके की रेप विक्टिम को सरकार की तरफ से मिलने वाले कंपनसेशन की बंदरबांट पर एक सटायरिकल टेक है। ओमपुरी इसमें छुटभइए नेता के रोल में नजर आएंगे, जो सरकार की तरफ से आने वाली कंपनसेशन के करोड़ों की रकम हड़पने के रैकेट में शामिल हैं। वह रैकेट कैसे रेप के फर्जी विक्टिमों को सामने लाकर सरकारी पैसों की लूटमार करता है, फिल्म इसी को बताती है। इस फिल्म में लम्बे समय बाद अपने जमाने के ख्यात हास्य कलाकार जगदीप भी नजर आएंगे। इसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई है। वे रेपिस्ट के किरदार में दिखायी देंगे।