निजी जीवन के चलते शुरूआत में नकारात्मक भूमिकाएँ मिलीं: नीना गुप्ता

गत वर्ष सैल्यूलाइड के परदे पर ‘बधाई हो’ के जरिये जबरदस्त वापसी करने वाली अभिनेत्री नीना गुप्ता (Neena Gupta) को इस बात का बेहद अफसोस है कि अभिनय के शुरूआती दौर में फिल्मकारों ने उन्हें सिर्फ नकारात्मक भूमिकाएँ आफर की थी। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि शायद यह मेरी निजी जिन्दगी के चलते हुआ था, जिसके चलते मुझे नायिका के रूप में अस्वीकृत कर दिया गया। मुझे वो किरदार मिले जो नकारात्मक थे। शनिवार की रात को एक्ट फेस्ट के दौरान नीना गुप्ता ने अभिनेता रजित कपूर के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री नीना गुप्ता (Neena Gupta) का कहना है कि उन्हें अपनी सार्वजनिक छवि और निजी जीवन के कारण अपने करियर के शुरुआती दिनों में केवल नकारात्मक भूमिकाएं ही मिलीं। मुझे अपनी सार्वजनिक छवि की वजह से बतौर अभिनेत्री भुगतना पड़ा, इसलिए मुझे लगता है कि सिनेमा में भूमिकाएं पाने के लिए लोगों की आंखों में एक खास तरह की छवि बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

रजित कपूर के साथ अपनी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘समाज आज भी नहीं बदला है और यही कारण है कि मैं सभी आकांक्षी अभिनेत्रियों को विशेष रूप से बताना चाहती हूं - अपने पेशेवर स्थान पर बहुत स्पष्ट मत बनो। मैं भुगत चुकी हूं।’

वर्ष 1982 में रिचर्ड एटनबरो की फिल्म ‘गांधी’ से अपने करियर की शुरुआत करते हुए नीना ने ‘जाने भी दो यारों’, ‘खलनायक’, ‘मंडी’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया। गत वर्ष प्रदर्शित हुई ‘बधाई हो’ में उनके अभिनय की दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों ने भी बहुत तारीफ की। इस फिल्म में उन्होंने आयुष्मान खुराना की माँ की भूमिका निभाई थी, जो 55 वर्ष की होने पर एक बार फिर से माँ बनती है। इस फिल्म ने अपने विषय, प्रस्तुतीकरण और नीना गुप्ता, सुरेखा सीखरी और गजराव सिंह के उम्दा और ना भूलने वाले अभिनय के चलते बॉक्स ऑफिस पर 141 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी। इस फिल्म के बाद नीना गुप्ता के पास कई फिल्मों के प्रस्ताव आने लगे हैं लेकिन वे सिर्फ उन प्रस्तावों पर गौर कर रही हैं जिसमें उनकी भूमिका सशक्त है।