कोरोना: बॉलीवुड को 2500 करोड़ का नुकसान, फिल्मों का होगा टकराव

कोरोना वायरस के चलते पूरा भारत पिछले कुछ दिनों से बंद के दौर से गुजर रहा है। बॉलीवुड फिल्म उद्योग 14 मार्च से इस स्थिति से गुजर रहा है। हालात सामान्य होने तक उद्योग को लगभग 2500 करोड़ का नुकसान हो चुका होगा। इस वर्ष बॉक्स पर कुछ ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन होना था जिनसे 1200 से 1500 करोड़ के कारोबार की उम्मीद थी। इन फिल्मों में सलमान खान, अक्षय कुमार, अमिताभ बच्चन के साथ-साथ कुछ ऐसे सितारों की फिल्में भी थीं जिन्हें स्लीपर हिट की श्रेणी में रखा जा सकता है।

सलमान खान की ‘राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई’, अक्षय कुमार की ‘सूर्यवंशी’, ‘लक्ष्मी बॉम्ब’, अमिताभ बच्चन की ‘झुंड’, अमिताभ-आयुष्मान खुराना की ‘गुलाबो सिताबो’ ऐसी फिल्में हैं जिनसे उम्मीद की जा रही थी कि यदि यह अपने तय समय पर प्रदर्शित होती तो बॉक्स ऑफिस पर लगभग 900 करोड़ का कारोबार करती। इनमें ‘राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई’, ‘सूर्यवंशी’, ‘लक्ष्मी बॉम्ब’, तो निश्चित रूप से बॉक्स ऑफिस पर 700 करोड़ कमाती। लेकिन अब जब यह फिल्में प्रदर्शित होंगी तो उन्हें बड़े टकराव झेलने पड़ेंगे। इन्हें सोलो रिलीज नहीं मिलेगी।

हालात सामान्य होने के बाद भी यह फिल्में कब प्रदर्शित होंगी अभी नहीं कहा जा सकता। इसका कारण यह है कि बॉलीवुड को सबसे ज्यादा कमाई ओवरसीज मार्केट से होती है, जो मई तक पूरी तरह से बंद है। हॉलीवुड स्टूडियो इतने सामथ्र्य हैं कि वे अपनी फिल्मों को पहले ही एक वर्ष तक के लिए स्थगित कर चुके हैं लेकिन बॉलीवुड के स्टूडियो और निर्माता इतनी सामथ्र्य नहीं रखते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि भारत कब स्थिति को सामान्य पाता है और कब सिनेमाघर खुलते हैं। यह तय है कि सिनेमाघर खुलने के बाद भी दर्शक एकदम से उसकी तरफ नहीं दौड़ेगे। परिस्थिति सामान्य होने पर लम्बा समय लगेगा, जिसके चलते आने वाले तीन महीनों अर्थात् अप्रैल-जून के मध्य सिनेमा उद्योग को लगभग 2500 करोड़ का नुकसान हो चुका होगा।

ट्रेड एनालिस्ट, अतुल मोहन कहते हैं...‘21 दिनों के टोटल लॉकडाउन के बाद भी हालात तुरंत सामान्य नहीं होंगे। चीन में लॉकडाउन पीरियड खत्म होने के एक महीने के बाद सिनेमा घर खोलने के प्रयोग किए गए, लेकिन उनमें टिकटें लगभग जीरो बुक हुईं। जून तक तो कम से कम ‘सूर्यवंशी’ और ‘83’ जैसी फिल्मों के मेकर्स रिलीज होने का जोखिम नहीं उठा सकते। इसके पीछे एक और बड़ी वजह यह है कि जो ओवरसीज मार्केट है, वहां पर मई तक सिनेमाघर बंद हैं। लिहाजा ओवरसीज मार्केट के बिना मेकर्स बड़ी फिल्मों को रिलीज करने का रिस्क नहीं उठाएंगे।