एक और अदालत केन्द्रित फिल्म ‘बदला’, क्या ‘पिंक’ के स्तर को छु पाएगी

वर्ष 2017 में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने दर्शकों को ‘पिंक (Pink)’ नामक एक अदालती फिल्म दी जिसने दर्शकों को अन्दर तक झकझोर कर रख दिया था। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ इस फिल्म में तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) नजर आईं थी। ‘पिंक (Pink)’ इतनी सफल रही कि बोनी कपूर इसे तमिल भाषा में चेन्नई के कलाकारों के साथ बना रहे हैं और इसकी डबिंग तेलुगु और कन्नड़ भाषा में भी की जाएगी। ‘पिंक (Pink)’ अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की श्रेष्ठ अभिनीत फिल्मों में से एक मानी जाती है। फिल्म में मुकदमे की पैरवी करते समय उनकी पत्नी गम्भीर रूप से बीमार दिखाई गईं। फिल्म के व्यक्तिगत जीवन में वे गम्भीरतम दुख से गुजर रहे हैं और एक कठिन मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं।

इसी जोड़ी की अगली फिल्म ‘बदला (Badla)’ 8 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है। इसमें अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) एक बार फिर से अदालत में तापसी पन्नू का केस लड़ते नजर आएंगे। तापसी पन्नू अभिनीत पात्र नैना सेठी पर कत्ल करने का आरोप है। ‘बदला (Badla)’ भी एक अदालत केन्द्रित फिल्म है। हिन्दी सिनेमा में अदालत के दृश्य अत्यन्त नाटकीय एवं यथार्थ से बहुत अलग प्रस्तुत किए जाते हैं। वकीलों द्वारा चीखना-चिल्लाना उन दृश्यों को विभिन्न प्रकार की मंडी के दृश्य के समान बना देता है।

अदालत केन्द्रित फिल्में दर्शकों को तभी प्रभावित कर पाती हैं जब उसका कथानक और अदालती कार्रवाई उनके मन को अन्दर तक झकझोरने में सफल हो जाती है। जहाँ केस की पैरवी करने वाला वकील मुकदमे को पूरी गम्भीरता से लड़ता हुआ नजर आता है। गत वर्ष शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ में भी अदालती कार्रवाई को दर्शाया गया था लेकिन जिस तरीके से अदालत में एक गम्भीर समस्या को हास्य की चाश्नी में पेश करते हुए सुलझाया गया उसे देखकर निर्देशक की सोच पर अफसोस हुआ था।

दशकों पूर्व बलदेव राज चोपड़ा (बी.आर. चोपड़ा) ने अदालती कार्रवाई पर आधारित फिल्म ‘कानून’ का निर्माण किया था, जिसमें जज पर ही कत्ल का आरोप लगता है तो मामला सनसनीखेज हो जाता है। परन्तु क्लाइमैक्स में जज के हमशक्ल के गुनाह किए जाने की बात प्रस्तुत करके फिल्म को आम फिल्म बना दिया गया था। अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘बदला’ में कत्ल का मामला है। सुजॉय घोष दर्शकों को पहले भी कहानी और कहानी-2 के माध्यम से रहस्यमयी फिल्में दे चुके हैं। ऐसे में उनसे उम्मीद बंधती है वे अपनी फिल्म ‘बदला’ को सर्वश्रेष्ठता में ‘पिंक’ को पीछे छोडऩे का प्रयास करते नजर आएंगे। सुजॉय अपनी फिल्म को बी.आर. चोपड़ा की ‘कानून’ की तरह आम अदालती फिल्म नहीं बनाएंगे ऐसी उनसे उम्मीद है।