'मंटो' : जब गुलाम थे तो आजादी का ख्वाब देखते थे और अब आजाद हैं तो कौन-सा ख्वाब देखें?, ट्रेलर रिलीज़

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी अक्सर ही अपनी एक्टिंग के लिए सुर्खियां बटोरते हैं। अपनी दमदार एक्टिंग से हमेशा सबका दिल जीतने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी जल्द ही फिल्म 'मंटो' में नजर आएंगे। 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आगामी फिल्म 'मंटो (Manto)' का ट्रेलर रिलीज किया गया है। फिल्म के ट्रेलर में नवाजुद्दीन एक बार फिर दमदार एक्टिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान विभाजन और विवादित लेखक 'मंटो' के जीवन पर आधारित है।

फिल्म की कहानी पाकिस्तानी लेखक 'मंटो' उर्फ सआदत हसन मंटो (Saadat Hasan Manto) के इर्द-गिर्द घूमती है। ट्रेलर में नवाजुद्दीन इस किरदार को जीवित करते दिखाई दे रहे हैं। फिल्म का टाइटल है 'बोल के लब आजाद है।' साल 1948 के दशक पर आधारित लौहार की इस कहानी में 'मंटो' काफी दमदार डायलॉग बोले हैं। पाकिस्तान की पृष्टभूमि पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर में मंटो कहते हैं, "जब गुलाम थे तो आजादी का ख्वाब देखते थे और अब आजाद हैं तो कौन-सा ख्वाब देखें?" |

घुमक्कड़ लेखक और रचनात्मक बागी सआदत हसन मंटो के जीवन पर भारतीय फिल्मकार नंदिता दास द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा के आधार पर बनाई गई फिल्म 'मंटो' ने मौजूदा समय के हिसाब से जैकपॉट मारा है। इसमें ऐसे ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है जो न सिर्फ भारत बल्कि विश्व भर में प्रसांगिक है। मंटो', सआदत हसन के जीवन पर आधारित है और स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद की कहानी को दिखाती है। यह फिल्म 21 सितंबर को रिलीज होगी।