आज यानि 31 जुलाई को बॉलीवुड एक्ट्रेस मुमताज़ का जन्मदिन है। एक दौर था जब चुलबुली, हंसमुख और नटखट मुमताज़ जब परदे पर आतीं तो दर्शकों की धड़कनें रुक जाया करतीं। हर कोई उनकी अदाओं और अदाकारी का दीवाना था। बिंदिया चमकेगी, जय जय शिवशंकर, आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे और ये रेशमी जुल्फे गानों में अपने अंदाज से बॉलीवुड एक्ट्रेस मुमताज ने सभी का दिल लूट लिया था। मुमताज हिंदी सिनेमाजगत की ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने बॉलीवुड के सभी सुपरहिट हीरो के साथ काम किया है। फिर चाहे वह राजेश खन्ना हो, शम्मी कपूर हो, जितेंद्र हो, धर्मेंद्र हो या फिर देव आनंद।
71 वर्षीय मुमताज़ आज अपने वतन और कर्म भूमि मुंबई से हजारों किलोमीटर दूर रोम में रह रहीं हैं। मुमताज़ वहां अपनी बेटी और दामाद के साथ रहती हैं। 31 जुलाई 1947 को मुंबई में जन्मीं मुमताज़ ने जब से होश संभाला उनका सपना एक अभिनेत्री बनने का ही था। मुमताज का बचपन काफी तकलीफों भरा रहा। मुमताज के पिता अब्दुल सलीम अस्करी और मां शादी हबीब अगहा ईरान में रहते थे। कहा जाता है मुमताज के जन्म के महज एक साल बाद ही इनके पेरेंट्स ने तलाक ले लिया था। साठ के दशक में मुमताज़ ने भी फ़िल्मों में छोटे-मोटे रोल करने शुरू कर दिए थे। मुमताज़ की किस्मत बदली तब जब दारा सिंह जैसे स्टार बॉलीवुड का हिस्सा बने। दारा सिंह जैसे बुलंद किरदार के साथ काम करने से उस दौर की एक्ट्रेस बचतीं थीं। इसी का फायदा उठाया मुमताज़ ने और उन्होंने एक के बाद एक 16 फ़िल्में दारा सिंह के साथ कीं।
क्या आप यकीन करेंगे कि इन फ़िल्मों में दस फ़िल्में जबर्दस्त हिट साबित हुईं। यहां से मुमताज़ की कामयाबी का सफ़र शुरू हो गया। दारा सिंह के बाद फिर उन्हें मिला देश के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का साथ और यह दौर अभिनेत्री मुमताज़ की ज़िंदगी का गोल्डन टाइम साबित हुआ।
राजेश खन्ना और मुमताज़ का एक साथ पर्दे पर दिखना कामयाबी की गारंटी मानी जाती थी। इस जोड़ी ने 'दो रास्ते', 'सच्चा-झूठा', 'आपकी कसम', 'अपना देश' 'प्रेम कहानी', 'दुश्मन', 'बंधन' और 'रोटी' जैसी सफल और यादगार फ़िल्मों में काम किया। कहा जाता है कि यह जोड़ी वास्तविक जीवन में भी काफी करीब थी।
मुमताज ने करियर की बुलंदी पर पहुंचकर बिजनेसमैन मयूर मधवानी से शादी 1974 में कर ली थी। उस वक्त मुमताज महज 27 साल की थीं। राजेश खन्ना नहीं चाहते थे कि मुमताज़ अभी शादी करें। शादी के बाद मुमताज़ ने फ़िल्मों में काम करना बंद कर दिया। उन्होंने अपने पंद्रह साल के करियर में 108 फ़िल्में कीं और इनमें से ज़्यादातर फ़िल्में हिट साबित हुईं। अपने दौर में टॉप पर रहीं मुमताज़ ने हालांकि 1989 में 'आंधियां' फ़िल्म से दूसरी पारी खेलनी चाही लेकिन, इस फ़िल्म के फ्लॉप हो जाने के बाद उन्होंने इंडस्ट्री को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। एक जमाने में लोगों के दिलों पर राज करने वाली मुमताज की जिंदगी में ऐसा वक्त आया जब उन्हें कैंसर की बीमारी ने जकड़ लिया था। मुमताज को ब्रेस्ट कैंसर था जिसके बारे में उन्हें काफी देर से पता चला। कीमोथेरेपी की वजह से मुमताज की हालत और भी खराब हो गई थी। उनके सारे बाल उड़ चुके थे, यहां तक कि उनकी आई पलकों और भौहों के बाल तक झड़ गए। ऐसी हालत में मुमताज को घर से निकलने में भी डर लगता था। इसका जिक्र मुमताज ने 2006 में दिए एक इंटरव्यू में भी किया था।
बाद में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हो गया जिससे वो एक फाइटर की तरह बाहर निकलीं। गौरतलब है कि साल 1971 में संजीव कुमार के साथ 'खिलौना' फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला।1996 में उन्हें फ़िल्मफेयर ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया। 2005 में मुमताज़ की बड़ी बेटी नताशा की शादी एक्टर फरदीन ख़ान से हुई। लगभग पांच साल पहले दिए एक इंटरव्यू में मुमताज़ ने कहा था कि उनके आस-पास चारों तरफ पानी ही पानी है लेकिन ग्लैमर और चकाचौंध से दूर वो खुद बहुत प्यासी हैं और अकेली भी !