#MeToo: यौन उत्पीडऩ का आरोप लगने के बाद साजिद खान आईएफटीडीए से निलंबित

इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर एसोसिएशन (IFTDA) ने फिल्म निर्देशक साजिद खान (Sajid Khan) को उनके खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायतों के बाद एक साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। 48 वर्षीय साजिद खान पर तीन महिलाओं, अभिनेत्री राहेल व्हाइट, सहायक निदेशक सलोनी चोपड़ा और पत्रकार करिश्मा उपाध्याय द्वारा यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए गए थे।

तीनों ने अपने संबंधित सोशल मीडिया हैंडल पर खुलकर इस मामले को उजागर किया था। आईएफटीडीए ने कहा, ‘समिति ने पीओएसएच अधिनियम की भावना में शिकायतों की जांच की। शिकायत में आरोप यौन उत्पीडऩ और साजिद खान द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर उदाहरण हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी रक्षा करने का अवसर देने के बाद भी साजिद ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। साजिद के पहले साक्षात्कार के संदर्भ में, आईएफटीडीए ने यह भी कहा कि साजिद ने अपने असली कृत्य को उजागर किया।

जिन दिनों निर्देशक साजिद खान पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे उन दिनों वे निर्माता साजिद नाडियाडवाला की ‘हाउसफुल’ सीरीज की चौथी फिल्म ‘हाउसफुल-4’ का निर्देशन कर रहे थे। इससे पहले वे इस सीरीज की पहली और दूसरी फिल्म को निर्देशित कर चुके थे लेकिन ‘हमशक्ल’ की जबरदस्त असफलता के बाद साजिद नाडियाडवाला ने उन्हें अपने बैनर से बाहर का रास्ता दिखाते हुए ‘हाउसफुल’ सीरीज की तीसरी फिल्म को फरहाद साजिद ने निर्देशित किया, जो कि मूल रूप से इस सीरीज के लेखक हैं। लेकिन बाद में साजिद नाडियाडवाला ने साजिद खान को पुन: मौका दिया और उन्हें फिर से इस मल्टीस्टारर फिल्म का निर्देशक बनाया।

साजिद खान पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगने के बाद साजिद नाडिय़ाडवाला ने इस फिल्म के निर्देशन की बागडोर फरहान साजिद को सौंप दी है। साजिद खान पर लगे आरोपों का अभिनेता अक्षय कुमार और निर्माता निर्देशक और साजिद खान के भाई फरहान अख्तर ने पुरजोर तरीके से विरोध किया था। अक्षय कुमार ने तो यहाँ तक कह दिया था कि यदि साजिद खान को इन आरोपों के बाद भी फिल्म उद्योग में काम मिलता है तो वे उन लोगों के साथ कतई काम नहीं करेंगे जो उन्हें काम देंगे। अक्षय कुमार के इस बयान के बाद ही साजिद नाडियाडवाला ने साजिद खान और अभिनेता नाना पाटेकर को अपनी फिल्म से बाहर का रास्ता दिखाया।

गौरतलब है कि मीटू कैम्पन की शुरूआत सबसे पहले अभिनेता तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर आरोप लगाकर की थी। तनुश्री दत्ता द्वारा लगाए गए नाना पाटेकर पर आरोपों से बॉलीवुड में तहलका मच गया था। इसके बाद इस कैम्पन के तहत कई और अभिनेत्रियों, महिला निर्देशक, पत्रकारों ने मीडिया और मनोरंजन जगत के साथ-साथ राजनीतिक तबके के प्रभावशाली लोगों के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायतें की थी। इसमें सबसे प्रमुख व्यक्ति थे केन्द्रीय मंत्री और कभी पत्रकार रहे एम.जे. अकबर जिन्हें स्वयं पर लगे आरोपों के तहत मंत्री पर से इस्तीफा देना पड़ा था।

मीटू आंदोलन के तहत बॉलीवुड जगत के कई लोगों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें सुभाष घई, विकास बहल, आलोक नाथ और रजत कपूर तक शामिल थे। हाल ही में सुभाष घई को इन आरोपों से मुक्त कर दिया गया है लेकिन अभिनेता आलोक नाथ पर यह आरोप साबित हो चुके हैं और उन्हें भी एसोसिएशन ने बैन कर दिया है। निर्देशक विकास बहल को फिल्म ‘सुपर 30’ के बतौर निर्देशक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।