श्री राजपूत करणी सेना ने बुधवार को कहा कि वह 'पद्मावत' के निर्माताओं के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। संगठन ने संजय लीला भंसाली की फिल्म जब कभी भी रिलीज हो, उस वक्त 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया है। करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने मीडिया से कहा, "हमें उस समय एक छोटे से स्पष्टीकरण की जरूरत थी कि पद्मावती व अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई दृश्य नहीं है..हम इससे ही संतुष्ट हो जाएंगे, लेकिन अब हम किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।"
उन्होंने फिल्म के रिलीज होने पर 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया।
राजपूत संगठन ने पहले अभिनेता रणवीर सिंह के जुलाई 2016 के एक बयान को लेकर चिंता जताई थी, जिसमें रणबीर सिंह से कथित तौर पर फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाए जाने के बारे में पूछे जाने पर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था कि यदि उन्हें दीपिका के साथ दो अंतरंग दृश्य करने का मौका मिलता है तो वह खलनायक से नीचे जाकर भी कोई भूमिका निभाएंगे।
फिल्म में रणबीर कपूर, शाहिद कपूर व दीपिका पादुकोण ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं।
इस वजह से फिल्म में खिलजी व रानी पद्मावती के बीच किसी तरह के अंतरंग दृश्य होने का सवाल पैदा हुआ। इसके बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जयपुर में फिल्म के सेट पर संजय लीला भंसाली पर हमला किया व कोल्हापुर में एक अन्य सेट पर तोड़फोड़ की गई।
भंसाली व वायाकॉम 18 पिक्चर्स को फिल्म को रिलीज करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भंसाली की फिल्म 16वीं सदी के भारतीय सूफी कवि मलिक मोहम्मद जयसी के महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है।
सेंसर बोर्ड ने तीन सदस्यीय सलाहकार समिति से सलाह के बाद फिल्म को यूए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज करने पर सहमति जता दी है।
कल्वी ने सवाल उठाया कि फिल्म तीन ही लोगों को क्यों दिखाई गई जबकि समिति में नौ लोगों के होने की चर्चा हो रही थी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान व हिमाचल प्रदेश सरकार फिल्म की रिलीज के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 'इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली इस फिल्म' की रिलीज के मामले में दूसरे राज्य भी राजस्थान व हिमाचल का अनुसरण करेंगे।