आरके स्टूडियो के साथ मेरी गहरी यादें जुड़ी हैं : करीना कपूर

बॉलीवुड इंडस्ट्री में 100 साल से भी ज्यादा लम्बे समय से सेवाएं दे रहा कपूर खानदान बहुत ही जल्द राज कपूर Raj Kapoor के द्वारा 70 साल पहले बनाया गया आर. के. स्टूडियो RK Studio बेचेगा। कपूर खान का यह आर. के. स्टूडियो मुंबई के चेम्बूर इलाके में लगभग 2 एकड़ के एरिया में फैला हुआ है। राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर अपने बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, राजीव कपूर, बेटी रितु नंदा और रीमा जैन सबने मिलकर ये फैसला लिया है।

एक न्यूज पेपर ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि, ‘कपूर खानदान ने मिलकर एक टीम का गठन भी किया है जो बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉर्पोरेटर्स के साथ मिलकर स्टूडियो की डील करने में लगी हुई है।’ परिवार की तरफ से बोलते हुए ऋषि कपूर ने कहा है कि, ‘एक वक्त हमने इस स्टूडियो को रेनोवेट कराया था लेकिन हर बार ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता कि सारी चीजें आपके हिसाब से ही हों। हम सभी इस बात से बेहद दु:खी हैं।’ वही अब ऐक्ट्रेस करीना कपूर Kareena Kapoor ने इस बारे में अपने दिल की बात कही है। करीना का कहना है कि इस स्टूडियो के साथ उनकी गहरी यादें जुड़ी हुई हैं। हालांकि, आरके स्टूडियो को बेचने के पक्ष में या उसके खिलाफ करीना ने कुछ नहीं कहा है।

बता दें कि कुछ दिनों से करीना कपूर की तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे ज्यादा नहीं पता है कि क्या हो रहा है। मैं कुछ दिन से बीमार हूं और पिछले 4-5 दिनों में मेरी मेरे पिता से मुलाकात नहीं हुई है लेकिन हम उन्हीं गलियारों में चलते हुए बड़े हुए हैं। यह मेरे परिवार ने तय किया है इसलिए यह उन पर निर्भर करता है। अगर मेरे पिता और उनके भाइयों ने यही तय किया है तो ठीक है।'

बता दें कि कपूर खानदान ने मशहूर आरके स्टूडियो को बेचने का फैसला किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि इसकी मरम्मत कराना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं था। इसकी स्थापना 1948 में राजकपूर ने की थी और इसमें उनकी कई लीजेंड फिल्मों का निर्माण हो चुका है। 'आग', 'बरसात', 'आवारा', 'जिस देश में गंगा बहती है', 'श्री 420', 'मेरा नाम जोकर' जैसी फिल्मों की शूटिंग आरके स्टूडियो में ही की गई थी। इसके अलावा ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की डेब्यू फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'प्रेम रोग', 'राम तेरी गंगा मैली' जैसी आइकॉनिक फिल्में भी यहीं बनाई गई थीं। पिछले साल सितंबर में स्टूडियो में आग लग गई थी जिसमें इसका पहला तल पूरा जल गया था। इसके बाद परिवार ने इसकी मरम्मत के बारे में भी सोचा लेकिन उन्हें वह आर्थिक रूप से ठीक नहीं लगा और इसे बेचने का फैसला किया।