गोविंदा बोले- कुछ लोग मेरी फिल्म रिलीज नहीं होने देना चाहते...

बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ( Govinda ) अपनी नई फिल्म 'रंगीला राजा ( Rangeela Raja )' को लेकर इस समय दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। हाल ही में सेंसर बोर्ड ने प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी को फिल्म में 20 कट्स लगाने के लिए कहा है जिसके बाद नाराज गोविंदा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि फिल्म इंडस्ट्री में लोगों का एक समूह है जो उनकी फिल्मों को रिलीज न होने देने के लिए षड्यंत्र रच रहा है।

शनिवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गोविंदा ने बताया, ‘यह मेरे साथ पिछले नौ सालों से हो रहा है। यहां फिल्म इंडस्ट्री में लोगों का एक समूह मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है और मेरी फिल्मों को किसी अच्छे मंच पर रिलीज नहीं होने दे रहा है।’ गोविंदा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘या तो मेरी फिल्मों को अच्छी रिलीज नहीं मिल पा रही है या फिर मेरी फिल्मों को ठीक-ठाक थिएटर नहीं मिल रहे हैं। अगर आप हाल का उदाहरण देखें तो फ्राईडे, जो कि कुछ हफ्ते पहले ही रिलीज हुई है, उसे भी अच्छे खासे थिएटर नहीं मिले जबकि उस फिल्म को अच्छे रिव्यू मिले थे।’

‘मैं अब तक चुप था लेकिन ये लोग पहलाज जी जैसे प्रोड्यूसर की फिल्म के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। पहलाज जी इंडस्ट्री के जाने-माने प्रोड्यूसर हैं। इन्होंने कई स्टार्स के साथ फिल्में बनाई हैं। हमारी फिल्म इंडस्ट्री कभी भी ऐसी नहीं थी। ऐसा लग रहा है कि हम लोग किसी दूसरी ही दुनिया में रह रहे हैं।’ पहलाज निहलानी की ‘‘इल्जाम’’ से अपने अभिनय की शुरूआत करने वाले गोविंदा ने उनके साथ ‘‘शोला और शबनम’’ और ‘‘आंखें’’ में काम किया है और दोनों ही फिल्में सुपरहिट रहीं। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीएफबीसी) के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी अपनी अपकमिंग फिल्म 'रंगीला राजा' में कट लगाने को लेकर सेंसर बोर्ड से नाराज हैं। इसको लेकर निहलानी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 12 नवंबर को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा। निहलानी का मानना है कि उनकी फिल्म को दिए गए 20 कट पूरी तरह गलत हैं। पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि उनकी फिल्म के लिए सुझाए गए 20 कट्स सीबीएफसी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं। नहलानी के मुताबिक उनकी फिल्म बिल्कुल ठीक है।

पहलाज निहलानी ने कहा, 'मैंने अभी तक 24 फिल्में बनाई हैं। सेंसर से इनके सर्टिफिकेट लेने में कभी भी तकलीफ नहीं आई, क्योंकि मैं ऐसी फिल्में ही नहीं बनाता जिनके अंदर सेंसर की कोई प्रॉब्लम हो या कोई कट भी देना पड़े। मैंने जब भी फिल्म बनाई है सेंसर को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि समाज को, संस्कृति को, यूथ को ध्यान में रखकर बनाई है। मैं यह सोचकर फिल्म बनाता हूं कि एक परिवार जाकर मेरी फिल्म देखे। फैमिली जिस फिल्म को देखे वहीं फिल्म चलती है।"