Flashback 2018 : महज खानापूर्ति रही सिम्बा में 'सारा' की भूमिका, बेहतरीन रही 'केदारनाथ'

इस शुक्रवार को प्रदर्शित हुई रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिम्बा’ में सारा अली खान को देखकर अफसोस हुआ। उम्मीद थी कि करण जौहर अपने बैनर तले बनी इस फिल्म के जरिये सारा को अच्छा मुकाम दिलवाने में कामयाब होंगे लेकिन रोहित शेट्टी ने सारा अली खान को महज खानापूर्ति के तौर पर फिल्म में लिया। वैसे अगर इस फिल्म में सारा न होती, उनके स्थान पर कोई दूसरी कम प्रसिद्ध नायिका भी होती तो चल जाता। गिनती के चार दृश्यों में नजर आई सारा अली खान यहाँ सिर्फ मुस्कराती हुई एक गुडिया रहीं।

अच्छा हुआ सारा का डेब्यू अभिषेक कपूर की फिल्म ‘केदारनाथ’ से हुआ। अपनी पहली फिल्म में उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता का जो संकेत दिया है वह उम्मीद जगाता है कि वे आने वाले समय में बॉलीवुड की सुपर सितारा होंगी। उनसे कुछ माह पूर्व ही बॉलीवुड में आई जाह्नवी कपूर से वे बेहतर इस को लेकर उनमें कहीं कोई अति नहीं आनी चाहिए। स्वयं को जमीन से जुडा रखते हुए अपने काम पर ध्यान देने का प्रयास करें तो सारा अली खान का भविष्य उज्ज्वल होगा इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है।

सारा अली खान को सिम्बा जैसी मसाला एंटरटेन फिल्में भी करनी चाहिए लेकिन उन्हें उन पटकथा पर गौर करना चाहिए जिनमें उनका किरदार केन्द्र में हो और जहाँ उन्हें अपना अभिनय दर्शाने का मौका मिले। ‘सिम्बा’ उन्होंने क्यों और कैसे करी यह उनका निजी मामला है लेकिन एक दर्शक के हैसियत से हम यह कह सकते हैं उन्हें इस फिल्म में जाया किया गया है।