इमरान हाशमी - 15 साल: 37 फिल्में, 3 ब्लॉकबस्टर, 10 सुपरहिट, 15 हिट, 9 असफल

गत 1 सितम्बर को प्रदर्शित हुई इमरान हाशमी की फिल्म ‘बादशाहो’ को बॉक्स ऑफिस पर वो कामयाबी प्राप्त नहीं हुई है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। प्रदर्शन पूर्व इसे सौ करोड़ी फिल्म माना जा रहा था, इसका कारण थे अजय देवगन और मिलन लूथरिया का फिर से एक साथ आना। अजय देवगन और इमरान हाशमी के साथ मिलन इससे मिलने ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुम्बई’ और ‘द डर्टी पिक्चर’ जैसी ब्लॉक बस्टर फिल्में दे चुके थे और बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म ‘कच्चे धागे’ में वे अजय देवगन के साथ सैफ अली खान और मनीषा कोइराला को निर्देशित कर चुके थे। ऐसे में इस तिकड़ी फिर से एक साथ आना सफलता का पर्याय माना जा रहा था। ‘बादशाहो’ ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 80 करोड का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की।

‘बादशाहो’ से पूर्व इमरान हाशमी की गत वर्ष दो फिल्मों ‘राज रीबूट’ और ‘अजहर’ का प्रदर्शन हुआ था। लेकिन इन दोनों फिल्मों की असफलता ने इमरान हाशमी के करियर पर एक सवालिया निशान लगा दिया। हालांकि बादशाहो कामयाब फिल्मों की श्रेणी में है लेकिन इसकी सफलता का सारा श्रेय अजय देवगन के खाते में गया है।

अपने 15 साल के करियर में 34 फिल्मों में मुख्य अभिनेता के तौर पर नजर आने वाले इस अभिनेता ने ‘बादशाहो’ से पहले लगातार 9 असफल फिल्में देकर अपने आपको आश्चर्यचकित किया। इन फिल्मों की असफलता ने निश्चित रूप से उनको बॉलीवुड में पिछली पायदान पर पहुंचा दिया है। अपने करियर में सबसे ज्यादा महेश भट्ट की फिल्मों में नजर आने वाले इमरान हाशमी ने अन्य निर्माताओं के साथ कम ही काम किया है। एक समय पर उन्होंने लगातार दो ब्लॉक बस्टर फिल्में देकर बॉक्स ऑफिस पर सफलता का परचम लहरा दिया था।

वर्ष 2003 में विक्रम भट्ट निर्देशित ‘फुटपाथ’ से डेब्यू करने वाले इमरान हाशमी की ‘बादशाहो’ 37वीं फिल्म है। इन 37 फिल्मों में एकता कपूर की ‘द डर्टी पिक्चर’ और मुकेश भट्ट की ‘मर्डर-2’ ऐसी फिल्में रही हैं जिन्होंने अपनी लागत वसूलने के साथ मुनाफा कमाया है। एक तरफ जहाँ द डर्टी पिक्चर ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड से ज्यादा का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी, वहीं दूसरी ओर ‘मर्डर-2’ ने बॉक्स ऑफिस पर 75 करोड का कारोबार किया था। इन फिल्मों के अतिरिक्त इमरान हाशमी ने बॉक्स ऑफिस पर मर्डर (2004), गैंगस्टर (2006), जन्नत (2008) और जन्नत-2 (2012) सुपरहिट फिल्में दी हैं।

इमरान हाशमी की फिल्मों की सफलता में दो चीजों का विशेष योगदान रहा ह एक संगीत और दूसरा चुम्बन दृश्य। दर्शको को आज भी उनकी फिल्मों का संगीत याद आता है विशेष कर मर्डर (भीगे होंठ तेरे प्यासा दिल मेरा), गैंगस्टर (तू ही मेरा रब है खुदा है, तू ही दिन है मेरा) के गीतों को सुनकर उन्हें बार-बार गुनगुनाने का मन करता है। एक वक्त ऐसा भी था जब वे बॉलीवुड में सीरियल किसर के नाम से ख्यात हुए। उन्होंने अपनी हर फिल्म में नायिका के होंठों का चुंबन लिया है।

बादशाहो से पहले इमरान हाशमी की अन्तिम हिट फिल्म ‘राज-3’ (2012) थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 70 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करके हॉरर फिल्मों के लिए सफलता की नई परम्परा शुरू की थी। लेकिन इसके बाद उन्होंने चार साल में लगातार 9 असफल फिल्में दीं। इमरान हाशमी में अभिनय क्षमता तो है लेकिन उनमें फिल्म साइन करने की समझ नहीं है। उनकी अब तक जितनी भी फिल्में असफल रही हैं उनमें कथा-पटकथा के साथ-साथ निर्देशन की कमी का रही है। इस वर्ष उन्होंने ‘बादशाहो’ की सफलता के साथ एक बार फिर से दर्शकों में अपनी एक पहचान बनाने में सफलता प्राप्त की है। उम्मीद है आने वाले समय में वे अच्छी पटकथा वाली फिल्मों में काम करके फिर से स्वयं को बॉलीवुड को सबसे महंगा सितारा साबित करेंगे।