दो दिन बाद बॉक्स ऑफिस पर शिव सेना संस्थापक बाल साहेब ठाकरे की बायोपिक ‘ठाकरे’ का प्रदर्शन होने जा रहा है। इस फिल्म का मुकाबला कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित और विवादास्पद फिल्म ‘मणिकर्णिका’ से होने जा रहा है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह फिल्म पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 13 से 15 करोड़ के मध्य कारोबार कर सकती है। वहीं ठाकरे के बारे में कहा जा रहा है कि यह फिल्म पहले दिन 4 से 5 करोड़ का कारोबार करने में सफल होगी।
‘ठाकरे’ के बारे में कहा जा रहा है कि यह फिल्म महाराष्ट्र और मुम्बई में बड़ा कारोबार करने में सफल होगी, क्योंकि ठाकरे महाराष्ट्र में ही ज्यादा लोकप्रिय रहे हैं। इसी को देखते हुए मुम्बई में इस फिल्म का पहला शो सुबह 4.15 बजे शुरू किया जा रहा है। महाराष्ट्र में तो इसकी कमाई अच्छी होगी, लेकिन कुछ ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि ठाकरे की यह बायोपिक महाराष्ट्र के बाहर भी धमाका कर सकती है।
इसका कारण यह बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया में जिस अंदाज में इसका प्रचार किया जा रहा है वह दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। विशेष रूप से दिखाये जा रहे दृश्यों में ठाकरे के द्वारा जो संवाद बोले जा रहे हैं वह खासे प्रभावी हैं, जिन्हें सुनने के बाद दर्शक उन्हें फिर सुनने का प्रयास कर रहा है। यह ऐसा कदम है जो इस फिल्म के प्रति दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। नवाजउद्दीन सिद्दीकी बेहतरीन अभिनेता हैं, उन्होंने जिस अंदाज में ठाकरे को पेश किया है वह लाजवाब लग रहा है। नवाजउद्दीन, ठाकरे और फिल्म संवाद तीन ऐसे प्लस प्वाइंट बन गए हैं जो इस फिल्म को महाराष्ट्र के अतिरिक्त दिल्ली, राजस्थान में लोकप्रिय बना सकते हैं और दर्शकों को सिनेमाघरों की ओर खींचने में सफल हो सकते हैं।
ठाकरे को महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शित किया जा रहा है। लगभग 30 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म के सुपर हिट होने में महाराष्ट्र की अहम् भूमिका रहेगी। इसे मुम्बई व महाराष्ट्र रीजन में हिन्दी के साथ-साथ मराठी में भी प्रदर्शित किया जा रहा है। ठाकरे को भारत में लगभग 1300 स्क्रीन्स मिल रही हैं वहीं ओवरसीज में इसे 400 से ज्यादा स्क्रीन्स पर प्रदर्शित किया जा रहा है।
आमतौर पर देखने में आया है कि बॉलीवुड फिल्में मुंबई सर्किट में ही सबसे ज्यादा कमाई करती हैं। हाल ही में बम्पर कमाई करने वाली रणवीर सिंह की ‘सिम्बा’ और यश की ‘केजीएफ’ ने भी इसी रीजन में शानदार कलेक्शन किया था। ‘सिम्बा’ ने इस जोन में 5 दिन में ही 50 करोड़ तक कमाए थे, जबकि केजीएफ ने भी मुंबई-महाराष्ट्र बेल्ट में अच्छा बिजनेस किया था।
बाल ठाकरे को मराठी लोगों के हक की आवाज उठाने वाले नेता के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने इसके लिए बाकायदा आंदोलन चलाया। अच्छा बुरा, हर तरीके का इस्तेमाल किया। उनके इस कदम की देश के दूसरे हिस्से में आलोचनाएं भी हुईं, पर महाराष्ट्र में उनकी छवि एक हीरो के तौर पर बनी। जब कोई फिल्म महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय नेता की है तो इस बेल्ट में रिकॉर्डतोड़ कमाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिल्म को सबसे ज्यादा स्क्रीन्स महाराष्ट्र में मिलने की खबर भी है।