600 करोड़ के बजट में बनकर तैयार हुई रजनीकांत-अक्षय कुमार ( Rajinikanth-Akshay Kumar ) की फिल्म '2.0 (2point0) ' अब कुछ ही दिनों में रिलीज होने वाली है। रजनीकांत-अक्षय कुमार ( Rajinikanth-Akshay Kumar ) की इस फिल्म को हिन्दी में धर्मा प्रोडक्शन के करण जौहर प्रस्तुत करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि करण जौहर ने 2.0 के हिन्दी वर्जन के अधिकारों को बाहुबली-2 से भी ज्यादा कीमत देकर खरीदा है। इस फिल्म को वे उत्तर भारत के 3000 सिनेमाघरों में पेश करने की योजना बना रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि 2.0 को लाइका प्रोडक्शन हाउस भारत के 6500 सिनेमाघरों में पेश करने की योजना बना रहा है। निर्देशक एस.एस. राजामौली की बाहुबली-2 को इतने ही सिनेमाघरों में पेश किया गया था। वही इस फिल्म ने रिलीज से पहले ही एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
बॉलीवुड लाइफ की खबर के अनुसार इस फिल्म ने तमिल सिनेमा इंडस्ट्रीज में प्री-रिलीज एडवांस बुकिंग 120 करोड़ रुपये की कर ली है। ये तमिल सिनेमा का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बल्कि साउथ सिनेमा में 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली ये पहली फिल्म बनी है। इस तरह के आंकड़ें से हम उम्मीद कर सकती हैं कि फिल्म सिनेमाई इतिहास में अब तक के सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ सकती है। इसी से साथ ये फिल्म नए और विशाल आंकड़े के साथ एक नया बेंचमार्क हासिल कर सकती है।
बता दें कि ये फिल्म हिंदी के अलावा तेलुगु और तमिल भाषाओं में रिलीज होने वाली है। साउथ सिनेमा में जहां रजनीकांत दर्शकों को थियेटर तक खींच लाने में पूरी तरह से कामयाब होने वाले हैं तो वहीं, उत्तरी भारत में उनकी ये मुश्किल अक्षय कुमार हल करने वाले हैं। हिंदी में इस फिल्म को धर्मा प्रोडक्शनंस के बैनर तले पेश किया जा रहा है। ये भी एक दिलचस्प बात है कि पूरी फिल्म को 3डी में शूट किया गया है। इसी के साथ ऐसा करने वाली ये भारतीय इतिहास की पहली फिल्म बन गई है।
करण जौहर को उम्मीद है कि उनके द्वारा प्रदर्शित 2.0 का हिन्दी वर्जन पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड़ का कारोबार करने में सफल होगा। हालांकि ट्रेड विश्लेषकों का आंकलन है कि यह फिल्म पहले दिन हिन्दी भाषायी क्षेत्र में 40-45 करोड़ का कारोबार करेगी। अक्षय कुमार सफल हैं लेकिन इतने नहीं जो अपने नाम पर 50 करोड़ पहले दिन खींच सकें और रजनीकांत हिन्दी भाषी क्षेत्रों में इतने लोकप्रिय नहीं हैं। यदि यह फिल्म पहले दिन 50 करोड़ का आंकड़ा छूने में कामयाब होती है तो इसका श्रेय सिर्फ इसकी हाइप को जाएगा।
रजनीकांत की यह फिल्म पूरी तरह से साइंस फिक्शन फिल्म है। यदि दर्शकों की नजरों में इसका वीएफएक्स वर्क जम गया तो निश्चित तौर पर यह भारतीय सिने इतिहास के लिए दूसरी बाहुबली-2 बनेगी और कहीं पासा उलटा पड़ गया तो यह भारतीय सिने इतिहास के लिए किसी सुनामी से कम नहीं होगी। निर्देशक शंकर अपनी हर फिल्म में तकनीक पर ज्यादा भरोसा करते हैं। वे इस मामले में कहीं भी कमतर नजर नहीं आते हैं। ऐसे में उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वे निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य की तरह तकनीकी पक्ष में असफल होंगे।