#MeToo पर राधिका आप्टे ने कहा - 'खुलासा करने वाली महिलाओं का...'

बॉलीवुड Bollywood एक्ट्रेस राधिका आप्टे Radhika Apte ने 'मीटू #MeToo' मूवमेंट के तहत यौन उत्पीड़न की घटनाओं का खुलासा करने वाली महिलाओं के प्रति समर्थन जताया है। एक इवेंट में पहुंचीं राधिका आप्टे मीडिया से बात करते हुए कहा कि फिल्म उद्योग किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए समानता की प्रणाली के साथ आगे आएगा। राधिका डेनियल वेलिंगटन की ब्रांड एंबेसेडर हैं। राधिका देश की बड़ी सेलिब्रिटी प्रबंधन एजेंसियों में से एक क्वान एंटरटेनमेंट के साथ जुड़ी रही हैं जिनके संस्थापक पर चार महिलाओं ने यौन संबंध बनाने की मांग करने का आरोप लगाया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या इन आरोपों के बाद वह इस एजेंसी से अलग होंगी? इस पर राधिका ने कहा, "मैं उनके निकट संपर्क में हूं। क्वान से जुड़े लोगों ने मेरी मदद की है और मेरे साथ उनका बहुत अच्छा रिश्ता है। वे आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं क्योंकि हम सभी मी टू का समर्थन करते हैं।" यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच विदेश राज्य मंत्री एम.जे अकबर द्वारा इस्तीफा दिए जाने से जुड़े एक सवाल पर राधिका ने कहा, "बहुत सारे लोग हैं जो बहुत सी चीजों में संलिप्त रहे हैं जिनका खुलासा होना बाकी है इसलिए हम ऐसी स्थिति में हर शख्स के मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते।"

नंदिता के पिता पर लगा चौथा आरोप, पीड़िता ने कहा - मैं जैसे ही कमरे में गईं मुझे जकड़ लिया और किस करने लगे

नंदिता दास के पिता जतिन दास पर चौथी महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है। गरुषा कटोच नाम की महिला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक लम्बी पोस्ट के जरिए शेयर किया कि दिसम्बर 2013 में जब वो इंटर्नशिप की तलाश में थी तभी उन्हें पता चला कि जतिन दास सेंटर ऑफ आर्ट्स (JDCA) में इंटर्न की जगह है। उस वक्त उनके मुताबिक वह बस 20 साल की थी। गरुषा ने इंटर्नशिप के लिए JDCA में टेस्ट दिया और पास भी हुई। इसके बाद इंटर्नशिप के लिए जतिन दास के ऑफिस पहुंचीं जहां पहले से ही कुछ इंटर्न्स काम कर रहे थे।

गरुषा ने लिखा कि कुछ दिन में जतिन दास का व्यवहार उनके लिए काफी बदल गया था। एक दिन जतिन, गरुषा के पास धूम्रपान करते हुए पास आकर बैठ गए और बोले -मैं सिगरेट ज्यादा पीता हूं ना? अगली बार मुझे रोक लेना। उन्होंने लिखा कि उस दिन मुझे बहुत अजीब महसूस हुआ। इसके बाद वह लिखती हैं कि एक दिन काम करते हुए मुझे काफी वक्त हो गया था, साथ के सभी साथी घर चले गए थे लेकिन मैं काम ज्यादा होने की वजह से रुकी रही। उस वक्त घड़ी में 7 या 8 बज रहे होंगे। मैं जैसे ही काम ख़त्म कर के जाने लगी तो उन्होंने (जतिन दास) दरवाजा बंद कर दिया और मुझे अपने साथ रुकने के लिए कहा।

गरुषा ने लिखा कि जतिन बोले मैं तुम्हारे घरवालों से बात कर लूंगा, तुम यहीं रुक जाओ, मेरे पास एक कमरा खाली है। मैं बहुत डरी हुई थी फिर उन्होंने अपनी कार से मुझे घर छोड़ने के लिए कहा, उन दिनों ओला-उबर जैसी कोई सुविधा नहीं थी और तकरीबन रात के 9 बज रहे थे तो किसी भी ऑटो के मिलने की उम्मीद नहीं थी। वहीं साल भर पहले निर्भया जैसा काण्ड देश भर में डर व्याप्त करा चुका था, उनके साथ जाने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता था। रास्ते में उन्होंने एशियाड विलेज में उनके खाली कमरे को देखने को कहा, उन्होंने मुझे वहां अपने स्टाफ से मुझे रूबरू कराया और उनसे कहा कि मैं वहीं रुकने वाली हूं। मैं जैसे ही कमरे में गईं उन्होंने (जतिन दास) ने मुझे जकड़ लिया और किस करने की कोशिश की। उस वक्त मेरी आंखों में आंसू थे और मुझे यकीन है उन्होंने भी उसे देखा ही होगा। इस घटना के बाद गरुषा का लिखना है कि वह बहुत मुश्किल से उस पल से निकलीं, उन्होंने इस बारे में अपने सीनियर और घरवालों से बात की और बहुत ही जल्द वह शहर भी छोड़ दिया साथ ही अपना फोन नम्बर भी बदल लिया।