साल 2003 में फिल्म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाली अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह का कहना है कि विराम (ब्रेक) लेने की वजह से उनके करियर पर काफी असर पड़ा। चित्रांगदा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि ब्रेक लेने की वजह से मेरे करियर को नुकसान हुआ।" अपने अभिनय क्षमता से दर्शकों को प्रभावित करने वाली चित्रांगदा बहुत आगे नहीं जा सकीं। यह पूछे जाने पर कि वह किस वजह से आगे नहीं बढ़ सकीं, तो उन्होंने कहा, "मैंने जब शुरुआत की थी तो मेरे जीवन में ऐसे मोड़ आए जहां मेरी प्राथमिकताएं बदल गईं। मैंने फिल्मों में आगाज किया और फिर चार साल का ब्रेक लिया। मैं फिर वापस आई और फिर मैंने दो साल का ब्रेक लिया।"
चित्रांगदा ने कहा, "फिल्म उद्योग में जब आपको मौके मिल रहे हों और उस समय आप मौजूद नहीं हों तो निश्चित रूप से आपके करियर पर असर पड़ेगा। मेरे साथ भी यही हुआ।"
उनका कहना है कि शायद उन्होंने फिल्मी दुनिया का चमकता सितारा बनने के लिए भरपूर प्रयास नहीं किया।
उन्होंने कहा कि काम मिलने के लिए सिर्फ प्रतिभाशाली होना काफी नहीं है, बल्कि सही समय पर मौजूद होना भी जरूरी है।
चित्रांगदा को ज्यादातर गंभीर व संजीदा किस्म की भूमिकाओं में देखा गया है। उनके मुताबिक, जी टीवी के शो 'डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर्स' में जहां वह निर्णायकों में से एक हैं, दर्शकों को उनका वास्तविक रूप देखने को मिलेगा।
अभिनेत्री ने कहा कि ज्यादातर फिल्म निर्देशक उनके पास ऐसी भूमिकाएं लेकर आए जो महिला प्रधान थीं या फिर मजबूत बौद्धिक क्षमता वाली महिला का किरदार दिया, जैसे कि वह आम हिंदी फिल्मों की हिरोइन जैसी भूमिकाएं निभाना ही नहीं चाहतीं।
चित्रांगदा ने कहा, "मैं एक अभिनेत्री हूं, मैं हर किरदार निभा सकती हूं। मैं उतनी ही सामान्य और हंसमुख हूं, जितना कि एक आम लड़की होती है।"
उन्होंने कहा कि उन्हें नृत्य करना पसंद है, जो पर्दे पर गढ़ी उनकी छवि से एकदम अलग है। अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने तीन साल तक कथक सीखा है और उन्हें फिल्म में मात्र एक आइटम गीत पर डांस करने का मौका मिला। फिर उन्हें ऐसा कोई मौका नहीं मिला। उन्होंने चीजें बदलने की उम्मीद जताई है।
बता दे, चित्रांगदा ने 'सॉरी भाई', 'देसी बॉयज', 'ये साली जिंदगी' और 'गब्बर इज बैक' में भी काम किया है। उनकी आने वाली फिल्मों में 'बाजार' और 'साहब, बीवी और गैंगस्टर-3' शामिल हैं।