कल 14 मार्च को आमिर खान 53 वर्ष के हो गए। अपने 53वें जन्म दिन पर उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपना खाता खोला और 4 लाख फॉलोअर्स को जोडऩे में सफलता प्राप्त की। जन्म से फिल्मों से जुड़े आमिर खान ने स्वयं कभी नहीं सोचा था कि वह हिन्दी सिनेमा को बदलने वाले व्यक्तियों में शुमार होंगे। हिन्दी सिनेमा एक शतक का सफर पूरा कर चुका है। उसे आज के मुकाम तक पहुंचाने में कई व्यक्तियों का हाथ रहा है, उन्हीं में शामिल हैं आमिर खान।
आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन और ताऊ नासिर हुसैन फिल्म जगत के जाने-माने निर्माता निर्देशकों में शुमार हैं। दोनों भाई आम मसाला फिल्में बनाते और सफल होते रहे। नासिर हुसैन शशधर मुखर्जी के सिनेमाई पाठशाला के छात्र रहे। वे हमेशा एक ही कहानी में थोड़ा फेरबदल करके फिल्म बनाते रहे। उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की। उनकी फिल्में उनके द्वारा बनाई गई बिरयानी की तरह होती थी। उन्होंने कभी कुछ नया प्रयोग करने की कोशिश नहीें की और ऊपरवाले का खेल देखिए उनके भाई का बेटा आमिर खान पिछले 18 वर्षों से नित नए प्रयोग करता आ रहा है।
वर्ष 1973 में ‘यादों की बारात’ से अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले आमिर खान ने ‘राख’ के जरिए बॉलीवुड में प्रवेश किया और अपने चचेरे भाई मंसूर खान की फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ के जरिए सफलता का स्वाद चखा। वर्ष 1986 से शुरू हुआ उनका यह सफर 2000 आते-आते थमने लगा था। अपने शुरूआती 10 सालों में उन्होंने जिन फिल्मों में काम किया उनमें वे प्रेमी ही नजर आए, लेकिन 1999 में आई ‘सरफरोश’ से उन्होंने अपनी छवि को बदलने का काम शुरू किया और 2001 में प्रदर्शित हुई ‘लगान’ से उन्होंने न सिर्फ स्वयं को पूरी तरह बदला अपितु इस फिल्म ने बॉलीवुड को भी बदलने की पहल कर दी।
‘लगान’ 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा लगाए गए ‘लगान’ पर आधारित काल्पनिक कथा थी, जिसमें क्रिकेट का सहारा लिया गया था। फिल्म की पूरी पटकथा में ‘क्रिकेट’ का वर्चस्व था और ‘लगान’ मुख्य मुद्दा होते हुए भी गौण हो गया था। यह सशक्त कथा-पटकथा, दमदार अभिनय और बेहतरीन निर्देशन का कमाल था कि मध्यान्तर के बाद सिर्फ क्रिकेट के मैच को लेकर परदे पर उतारी गई इस कथा को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया। फिल्म की सफलता के साथ ही आमिर खान का प्रोडक्शन हाउस सफल हो गया।
आमिर खान के करियर को हम दो भागों में बांट कर देख सकते हैं। ‘लगान’ के बाद की पारी सार्थक सिद्ध हुई है। ‘लगान’ ने आमिर का वैचारिक कायापलट कर दिया है। इसके बाद उन्होंने जितनी भी फिल्मों में काम किया वह सब लीक से हटकर फिल्म रहीं। चाहे वह उनके द्वारा निर्मित ‘तारे जमीं पर’, ‘तुम हो न हो’ रही या उनकी अभिनीत ‘गजनी’, ‘3 इडियट्स’, ‘पीके’ या ‘दंगल’ रही।
‘गजनी’ के जरिये आमिर खान ने हिन्दी फिल्मों की आर्थिक दशा को एक नई दिशा दी। यह बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म रही जिसने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का कारोबार किया। इसी फिल्म से बॉलीवुड में प्रमोशन का सिलसिला शुरू हुआ। आमिर ने गजनी को सफल बनाने के लिए शहर-दर-शहर घूमना शुरू किया। मेहनत रंग लाई और फिल्म ने लागत से सौ गुना ज्यादा प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त ‘गजनी’ से आमिर खान ने एक और नई शुरूआत की। यह थी पारिश्रमिक के स्थान पर फिल्म के मुनाफे में सितारे की भागीदारी होना।
‘लगान’ से लेकर ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ तक आमिर ने जिन फिल्मों में काम किया है, वह हर तरह से सर्वश्रेष्ठ रही हैं। उनकी इन फिल्मों की सूची में ‘धूम-3’ को शामिल नहीं किया जा सकता है। हालांकि गत वर्ष तक उनकी यह फिल्म हिन्दी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म रही है। पूरी तरह से आम मसाला फिल्म रही धूम-3 को दर्शकों ने क्योंकर इतना पसन्द किया यह आज भी समझ से परे है। शायद सिर्फ इसलिए कि इसमें आमिर खान थे। यदि कोई अन्य सितारा होता तो यह इतनी बड़ी हिट नहीं होती।
आमिर खान ने ‘लगान’ से अपने लुक के लिए प्रयोग करने शुरू किये जो फिल्मों में ट्रेंड बनते चले गए। ‘गजनी’ में उन्होंने स्वयं को गंजा दर्शाया जिसके सिर पर चोट का गहरा निशान है। धूम-3 और पीके में उन्होंने अपने चेहरे पर बड़े-बड़े कान दर्शाये और 3 इडियट्स में उन्होंने स्वयं को 22 वर्षीय युवा दिखाया। कहने का तात्पर्य यह है कि उन्होंने अपने किरदार के अनुरूप अपने शरीर को बनाया और बिगाड़ा।
वर्ष 2016 में प्रदर्शित हुई उनकी फिल्म ‘दंगल’ पहलवान महावीर फोगाट की जिन्दगी पर थी। इस फिल्म की सफलता को लेकर शंका जाहिर की जा रही थी लेकिन आमिर खान निर्देशक नितेश तिवारी की कथा से पूरी तरह संतुष्ट थे। वे उनके प्रस्तुतीकरण से प्रभावित थे नतीजा ‘दंगल’ बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बनी जिसने वैश्विक स्तर पर 2000 करोड़ का कारोबार किया।
हिन्दी सिनेमा दर्शकों को आने वाले समय में आमिर खान से बहुत सी उम्मीदें हैं। उन्हें विश्वास है आमिर खान ने उन्हें कुछ ऐसा दिखायेंगे जिसे दिखाने की हिम्मत अन्य कोई नहीं कर पा रहा है।