मुंबई में स्क्रीन राइटर एसोसिएशन के कॉन्फ्रेंस में आमिर खान मुख्य अतिथि के रुप में सम्मिलित हुए थे वहां आए 800 स्क्रीन राइटर से बातचीत में आमिर खान ने ढेर सारी गुफ्तगू की और किस तरह से वह खुद को बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में जमा पाए यहां तक ला पाए उसकी बातें भी साझा की। इस दौरान आमिर ने बताया कि वो अपने करियर को लेकर अकेले में रोया करते थे।
दिन में शूट करके रात में अक्सर रोते थे- आमिर खान ने कांफ्रेंस के दौरान बताया कि नए स्क्रीन राइटर को परेशान होने की जरूरत नहीं है। शुरुआत के दिनों में अक्सर कई बातें आपके मन मुताबिक नहीं होती।
- आमिर ने कहा कि अपने करियर की शुरुआत में उन्हें भी कई बार दूसरों की पसंद की चीजें करनी पड़ती थी। जो वह सोचते थे चाहते थे वह नहीं कर पाते थे। दिन में शूट करके रात में अक्सर रोते थे लेकिन 8 -10 फिल्मों के बाद धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री उन्हें और वह फिल्म इंडस्ट्री को समझने लगे और आज आमिर खान आमिर खान है।
- आमिर ने नवोदित स्क्रीन राइटर्स को सलाह दी कि शुरुआत में उन्हें अपने आपको काम करने के लिए फ्लेक्सिबल करना पड़ेगा और जब उनका नाम हो जाएगा उनके काम को लोगों द्वारा पसंद किया जाएगा तो फिर उनकी भी बात जरूर सुनी जाएगी।
फिल्म की स्क्रिप्ट काफी मायने रखती है- फिल्म की राइटिंग से जुड़े कई अहम पहलुओं पर भी खुल कर आमिर खान ने अपनी राय रखी। इस दौरान आमिर ने यह बात स्पष्ट रूप से रखी कि उनके लिए फिल्म की स्क्रिप्ट काफी मायने रखती है। वह अपनी फिल्म की कहानी को काफी अहमियत देते हैं।
- आमिर कहते हैं कि मेरे लिए यह बहुत मायने रखता है कि सिनेमा में कहानी क्या है।
- वह कहते हैं कि एक बार उनकी मुलाकात एक ऐसी एक्ट्रेस से हुई थी, जिन्होंने फिल्म की कहानी सुने बगैर ये सवाल किया था कि मैं इसमें कपड़े क्या पहनूंगी। मैं उनकी बात सुन कर हैरान हो गया था कि कोई कहानी सुने बगैर किस तरह से अपने कपड़े के बारे में सोच सकता है। - आमिर कहते हैं, मेरे लिए तो फाउंडेशन स्क्रिप्ट है और इसके बाद एक बार जब मुझे कहानी पसंद आ जाती है और फिर मैं फिल्म साइन कर देता हूं तो इसके बाद सारी जिम्मेदारी मैं सिर्फ निर्माता पर नहीं छोड़ता हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मेरी पूरी कोशिश होती है कि मेरी वजह से प्रोड्यूसर के पैसे बर्बाद हों। मैं ये बात कह भी सकता हूं कि मेरे साथ जिन भी निर्माताओं ने काम किया है उनके पैसे बर्बाद नहीं हुए हैं, मेरे साथ निर्माता ने कभी भी लॉस नहीं किया है। मुझे याद है जब जामू सुगंध ने लगान फिल्म के बजट में निवेश करने का निर्णय लिया था तो वह मेरे लिए भी जिम्मेदारी थी कि मैं उनके साथ खड़ा रहूँ और मैं आपको बता रहा हूं कि मैं अब तो अपनी फिल्म की फीस भी नहीं लेता। जब सबके पास पैसे पहुंच जाते हैं। सबका फायदा हो जाता है तब मेरे हिस्से में पैसे आते हैं।
स्क्रीन राइटर्स को पहचान दिलाने के लिए सही मुआवजा दिलाने की बात को लेकर इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है... जिसमें फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए कई दिग्गजों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं जिसमें अंजुम रजबअली ,,सिद्धार्थ रॉय कपूर ,करण सोमेन भी मौजूद थे। कॉन्फ्रेंस का विषय "वेड माइंड इज विदाउट फियर" था।