कमजोर हुए सलमान खान, सफलता के लिए ले रहे है त्यौंहार का सहारा

बॉलीवुड में ‘भाई’ के नाम से ख्यात अभिनेता सलमान खान अब कमजोर नजर आने लगे हैं। पिछले आठ साल से लगातार सफलतम फिल्में देने वाले सलमान खान को इस बात का डर सताता है कि यदि उनकी कोई फिल्म ईद, दीवाली या क्रिसमस के अतिरिक्त प्रदर्शित होगी तो वह असफल हो जाएगी। इसका कारण शायद यह हो सकता है कि कुछ वर्ष पूर्व जनवरी के दूसरे सप्ताह में प्रदर्शित हुई ‘जय हो’ असफल करार दे दी गई थी। हालांकि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 111 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी।

गत वर्ष क्रिसमस के मौके पर प्रदर्शित हुई उनकी ‘टाइगर जिंदा है’ ने बॉक्स ऑफिस पर 350 करोड़ का कारोबार करके उनकी गत वर्ष ईद पर प्रदर्शित हुई ‘ट्यूबलाइट’ की असफलता का दाग धोने में मदद की है। ‘टाइगर जिंदा है’ के बाद सलमान खान की आने वाली फिल्मों की लगातार घोषणाएँ हो रही हैं। आने वाले दो वर्षों में उनकी चार फिल्मों—रेस-3, दबंग-3, भारत और किक-2 का प्रदर्शन होने जा रहा है। इन सभी फिल्मों को ईद और क्रिसमस के मौके पर प्रदर्शित किया जाएगा। सलमान खान के साथ इनके निर्माता निर्देशकों को भी ऐसा लगता है कि ईद और क्रिसमस पर ही सलमान खान सफल हो सकते हैं दूसरे किसी मौके पर नहीं।

अभी दो दिन पहले ही निर्माता निर्देशक साजिद नाडियाडवाला ने अपनी फिल्म ‘किक-2’ की घोषणा की है, जो 2019 में क्रिसमस पर प्रदर्शित की जाएगी। उनके जेहन में सलमान खान की ‘टाइगर जिंदा है’ की सफलता घूम रही है, जो गत वर्ष क्रिसमस पर प्रदर्शित हुई थी। शेष तीन फिल्में रेस-3, भारत और दबंग-3 ईद पर प्रदर्शित होंगी। इन फिल्मों की प्रदर्शन तिथियों को जानकर जेहन में एक सवाल कौंधता है कि क्या बॉलीवुड अब सिर्फ ‘त्यौंहार’ बनकर रह गया है। क्या अभिनेताओं को अपनी अभिनय क्षमता पर इतना विश्वास नहीं कि वे किसी और दिन प्रदर्शित होकर दर्शकों को अपना दीवाना बना सकें।

जब कभी इन फिल्म निर्माताओं से त्यौंहार के इतर फिल्म प्रदर्शित न करने का कारण पूछा जाता है तो उनका कहना होता है कि छुट्टियों की माहौल में दर्शक सिनेमाघरों की ओर जरूरत से ज्यादा आता है, जिसके चलते फिल्में अच्छा कारोबार करती हैं और शेष दिनों में ऐसा नहीं होता है। यदि ऐसा ही होता तो फिर जो अन्य फिल्म दूसरे दिनों में प्रदर्शित होती हैं क्या उनको सफलता नहीं मिलती।

सलमान खान को अब किसी ऐसे सहारे की जरूरत नहीं है जो उनको सफल और असफल बनाए। उन्हें अपने आप में विश्वास पैदा करना होगा फिल्म अच्छी है, उनका अभिनय उम्दा है तो निश्चित तौर पर दर्शक उसे देखने आएगा फिर चाहे वह दीवाली हो या रमजान का महीना। ईद, क्रिसमस, दीवाली को बैसाखियों के तौर पर काम में लेने वाले सलमान खान को अपना अभिनय सुधारना होगा। उन्हें मसाला फिल्मों को छोडक़र कंटेंट आधारित फिल्मों को चुनना होगा, जिनमें उनका अभिनय निखर सके। उन्हें अपनी जवानी में की गई फिल्मों—फिर मिलेंगे, खोमाशी, हम दिल दे चुके सनम—की तरफ लौटना होगा जहाँ उन्होंने बेहतरीन अभिनय की छाप छोड़ी थी।