अभिनेता अनिल कपूर के भतीजे अर्जुन ने 'वोग इंडिया-2017' के साथ एक साक्षात्कार में यह बात कही कि किसी
कलाकार की सफलता और विफलता दर्शकों पर निर्भर करती है। आप
फिल्म जगत में आने के बाद अपनी कोशिशों में लगे रहते हैं। अगर दर्शक आपको
देखना चाहते हैं, तो आपको और भी काम मिलेगा, लेकिन दर्शकों की रुचि आपमें
खत्म होने के साथ ही आपको काम मिलना भी बंद हो जाता है।" अगर आप किसी फिल्मकार के भरोसे पर खरा नहीं उतर पाते हैं, तो आपका फिल्मी परिवार से होना व्यर्थ है।
अर्जुन ने 'कल हो न हो (2003)' और 'सलाम-ए-इश्क (2007)' जैसी फिल्मों में सहायक निदेशक और निर्माता के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने 2012 में आई फिल्म 'इशकजादे' के जरिए अभिनय जगत में कदम रखा था। अर्जुन ने कहा कि वह ऑडिशन पास करने के बाद इस फिल्म का हिस्सा बने। उन्होंने कहा, "कास्टिंग निर्देशक मुझे जानता था, लेकिन मैंने इस फिल्म के लिए अपने पिता से मदद नहीं मांगी। मेरे पिता मेरे लिए फिल्म जगत के रास्ते आराम से खोल सकते थे, लेकिन आप पर कोई भी किसी कारण ही निवेश करता है।"
अर्जुन कहा कि अगर आप किसी के भरोसे पर खरे नहीं उतरते, तो वे आपमें निवेश करना बंद कर देते हैं। आपको फिल्म जगत और लोगों को यह समझाना पड़ता है कि इस जगह आप अपने फिल्मी परिवार या किसी बड़े नाम के कारण नहीं है और यह सब कैमरे के सामने अपने अभिनय से साबित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 'मुबारकां' में नजर आने वाले अभिनेता अर्जुन के साथ आथिया की डेटिंग की अफवाहें सामने आ रही थीं, जिसकी प्रतिक्रिया में अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने अफवाहों का सामना करना अपने पापा और अभिनेता सुनील शेट्टी से सीखा है।