तांडव: अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, हो सकती है गिरफ्तारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट से अमेजॉन प्राइम की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को बड़ा झटका लगा है। तांडव के प्रसारण मामले में अमेजन प्राइम की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अपर्णा पुरोहित की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। अपर्णा व सीरीज के प्रसारण तथा निर्माण से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ देश भर में दस मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुसंख्यक लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों हनन नहीं कर सकती।

हाईकोर्ट ने तांडव वेब सीरीज के कंटेंट पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा अभिव्यक्ति के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि सभी धर्मों का सम्मान हो। दरअसल अपर्णा पुरोहित की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 4 फरवरी को फैसला किया सुरक्षित कर लिया था। जस्टिस सिद्धार्थ की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देकर कहा है कि दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट ने पश्चिमी देशों के फिल्म निर्माताओं का हवाला देकर कहा कि वे जीसस व मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाते किंतु हिंदी फिल्में हिंदू देवी देवताओं को लेकर बनाई जाती हैं। कोर्ट ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की पढी, 15 साल फिल्म जगत से जुड़ी और पत्रकारिता कोर्स कर चुकी याची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों के आपत्तिजनक नारों को भी वेब सीरीज में शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है।

इससे पहले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखे जाने तक अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में अपर्णा पुरोहित समेत अन्य के खिलाफ तांडव वेब सीरीज के प्रसारण के जरिए हिंदू देवी-देवताओं और हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अपर्णा पुरोहित और अन्य के खिलाफ धारा 153- A (1) (B), 295- A, 505 (1) (B), 505 (2) धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने मामले में अपर्णा पुरोहित को हजरतगंज कोतवाली पहुंचकर बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद वे बयान दर्ज करवाने लखनऊ पहुंची।