खुद को महालक्ष्मी का घोड़ा महसूस करने लगते हैं अक्षय, साल में 4 फिल्में करने पर ऐसा बोले ‘खिलाड़ी’ कुमार

अक्षय कुमार (56) फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बिजी कलाकारों में से एक हैं। तीन दशक से भी ज्यादा समय से फैंस के दिलों पर राज कर रहे अक्षय की फिल्में बिनी किसी ब्रेक के लगातार रिलीज होती रहती हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी अधिकतर फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस नहीं किया। उनकी इसी साल आई मच अवेटेट फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' भी बड़ी फ्लॉप साबित हुई।

अब अक्षय ने एक बातचीत में अपनी कड़ी मेहनत और तुलनाओ पर बात की। अक्षय ने ‘ग्लाट्टा प्लस’ के साथ से बातचीत में कहा कि जब लोग एक एक्टर को नंबर एक या दो की कैटिगरी में रखते हैं तो कई बार मुझे लगता है कि मैं महालक्ष्मी का घोड़ा हूं, जो रेस में दौड़ रहा है। हिंदी सिनेमा एक साल में लगभग 190-200 फिल्में बनाता है। फिर साउथ की फिल्में हैं, इतनी सारी फिल्मों में सिर्फ 8 से 12 कलाकार हैं तो हम क्यों लड़ेंगे कि कौन नंबर वन है और कौन नहीं, सबके पास काम है।

पूरा आइडिया सिर्फ काम करने का है। बहुत से लोगों को समस्या है कि मैं साल में 4 फिल्में क्यों कर रहा हूं। मुझे ये समझ नहीं आता। मैंने जीवन में पहली बार किसी को ये कहते हुए सुना कि आप इतना काम क्यों कर रहे हैं। क्या आपने कभी ऐसा सवाल सुना है कि आप काम क्यों करते हैं? मैं साल में 4 फिल्में करता हूं और लोगों को इससे दिक्कत होती है।

इतने समय तक इंडस्ट्री में रहकर आप मोटी चमड़ी वाले बन जाते हैं, आप पर किसी चीज का असर नहीं होता, लेकिन यह सबसे अधिक जरूरी बात होती है जब कोई क्रिटिक्स जैसा व्यक्ति इसके बारे में बात करता है। मैं इसे एक्सेप्ट करता हूं और इसकी कद्र करता हूं। इंडस्ट्री में रहकर आपको पता चल गया है कि कौन अच्छा क्रिटिक्स है और कौन नहीं।

‘सरफिरा’ में अक्षय ने खुद के पिता को खोने की सोच के साथ निभाया इमोशनल सीन

आज शुक्रवार (12 जुलाई) को अक्षय कुमार की नई फिल्म ‘सरफिरा’ सिनेमाघरों में पहुंच गई है। अक्षय ने फिल्म में एक इमोशनल सीन के बारे में बड़ा खुलासा किया। अक्षय ने बताया कि वह ‘वीर म्हात्रे’ के पिता को खोने के किरदार से कैसे जुड़े। उन्होंने सीन करते समय अपने पिता हरिओम भाटिया के निधन के बाद 'आघात' में होने की कल्पना की थी। अक्षय ने कहा कि मैं रोने के लिए ग्लिसरीन का इस्तेमाल नहीं करता।

मैं इमोशन का इस्तेमाल करता हूं। जब आप फिल्म देखेंगे तो मैं सच में रो रहा हूं। मैं वह सीन फिल्माने के दौरान काफी देर तक इमोशनल जोन में था। निर्देशक सुधा कोंगारा के सीक्वेंस सीन कट कहने के बावजूद मैं रोता रहा क्योंकि मेरे लिए उस इमोशन से बाहर आना आसान नहीं था।

मैंने डायरेक्टर से उसी इमोशन में बने रहने के लिए शॉट की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया। मैंने उनसे मल्टी-कैमरा सेटअप रखने के लिए भी कहा। बता दें कि 'सरफिरा' में अक्षय के साथ राधिका मदान और परेश रावल भी हैं। यह कोंगारा की तमिल फिल्म 'सोरारई पोटरू' की रीमेक है। साल 2020 में आई इस फिल्म में लीड एक्टर सूर्या थे।