वर्ष 2019 की शुरूआत में प्रदर्शित हुई पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जनसम्पर्क अधिकारी द्वारा लिखी किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ से प्रेरित फिल्म असफल रही, परन्तु उसमें उन्हीं की भूमिका अक्षय खन्ना ने प्रभावोत्पादक ढंग से अभिनीत की। अपने समय में ख्यातनाम अभिनेता रहे विनोद खन्ना ने पुत्र अक्षय खन्ना को ‘हिमालय पुत्र’ से दर्शकों से रूबरू कराया था, जिसका निर्देशक पंकज पाराशर ने किया था। उस दौर में अक्षय खन्ना ने ऋषि कपूर के निर्देशन में ‘आ अब लौट चलें’ में नायक की भूमिका अभिनीत की। ऐश्वर्या राय अभिनीत इस फिल्म में राजेश खन्ना ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह फिल्म असफल रही। उसी दौर में बॉलीवुड के स्वयंभू शो मैन सुभाष घई ने भी अपनी फिल्म ‘ताल’ में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय को पेश किया था। ए.आर. रहमान ने फिल्म में मधुर संगीत दिया। पहली बार ए.आर. रहमान और आनन्द बख्शी ने जुगलबंदी की। कर्णप्रिय संगीत के बावजूद फिल्म असफल रही। इस तरह अपने प्रारम्भिक दौर में अक्षय खन्ना ने लगभग दर्जन भर असफल फिल्मों में काम किया। उनकी फिल्मों की असफलता का सारा श्रेय अक्षय खन्ना को दिया गया जबकि गलतियाँ स्वयं फिल्मकारों की रहीं।
असफलता के दौर में अचानक से अक्षय खन्ना ने फिल्मों से दूरी बना ली। उन्होंने लंबे अन्तराल के बाद फिल्मों में चरित्र भूमिकाओं में वापसी की। बहरहाल अक्षय खन्ना की चरित्र भूमिकाओं वाली दूसरी पारी अत्यन्त सार्थक मानी जा रही है। उन्होंने श्रीदेवी की ‘मॉम’ और सोनाक्षी सिन्हा की ‘इत्तेफाक’ में इंस्पेक्टर की सशक्त भूमिका निभाई। एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में भी उनका अभिनय लाजवाब रहा। अक्षय खन्ना पटकथा से ऊपर उठकर अभिनय करते हैं। वे अपनी भूमिका में जान डालते हैं फिर चाहे फिल्म और उसका निर्देशन कमजोर ही हो। वे अपनी दूसरी पारी में पहली पारी से अधिक धन प्राप्त कर रहे हैं और बॉलीवुड में अब उनकी मांग बढ़ती जा रही है।