'आदिपुरुष' में भगवान राम और हनुमान का गलत चित्रण किया गया, फिल्म के खिलाफ दिल्ली में दायर हुई याचिका

उत्तर प्रदेश में सैफ अली खान, कृति सेनन अभिनीत फिल्म 'आदिपुरुष' के खिलाफ गुरुवार को शिकायत दर्ज हुई थी। लखनऊ में एक वकील ने फिल्म के अभिनेताओं और निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, अब फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में भगवान राम और हनुमान का गलत चित्रण में दिखाया गया है।

अधिवक्ता राज गौरव द्वारा शुक्रवार को दायर याचिका में आरोप लगाया कि निर्माता भूषण कुमार और निर्देशक और सह-निर्माता ओम राउत ने महाकाव्य रामायण की मूल बातों में हेरफेर किया है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि भगवान राम की पारंपरिक तस्वीर एक शांत और शांत व्यक्ति की थी, जो क्षमा में विश्वास करते थे, लेकिन फिल्म के टीजर में उन्हें चमड़े का पट्टा और चमड़े से बने आधुनिक जूते पहने हुए 'अत्याचारी, प्रतिशोधी और क्रोधित' के रूप में दिखाया गया है।

याचिका में आगे दावा किया गया कि भगवान हनुमान को 'अत्याचारी तरीके से' चित्रित किया गया है। जो की गलत है।

इससे पहले लखनऊ के एक वकील प्रमोद पांडे ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के पास सैफ अली खान, प्रभास राघव, कृति सेनन, निर्माता-निर्देशक ओम राउत और भूषण कुमार को एक पक्ष बनाते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि हिंदू देवताओं, विशेष रूप से हनुमान और राम के चरित्रों को गलत तरीके से चित्रित करने के लिए सितारों और फिल्म निर्माताओं के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 153 (3) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

आदिपुरुष पर बोले मुकेश खन्ना

'आदिपुरुष' को लेकर उठे विवाद पर मुकेश खन्ना ने अपनी राय रखी है। मुकेश खन्ना ने ‘आदिपुरुष’ में मुख्य पात्रों में किए गए बदलावों के बारे में बात की। अपने एक इंटरव्यू में मुकेश ने कहा कि लोग हजारों कहानियां बना सकते हैं लेकिन ‘हमारे देवी-देवताओं’ का मजाक नहीं उड़ा सकते। मुकेश खन्ना ने कहा कि उन्हें हिंदू किरदारों का उसी तरह सम्मान करना चाहिए जैसे वह साउथ की फिल्मों में करते हैं। ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में मुकेश खन्ना ने कहा, 'उन्होंने कलयुग को महाभारत की व्याख्या के तौर पर बनाया। लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे इसे दोहरा रहे हैं।' मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को तकनीक से नहीं बनाया जा सकता। कुछ लोग कहते हैं, ‘आप कौन होते हैं आपत्ति करने वाले जब सेंसर बोर्ड ने इसे पास किया है?’ सेंसर बोर्ड कोई हमारा बाप नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट नहीं है। 1 हजार कहानियां बनाओ, लेकिन हमारे देवी-देवताओं का मजाक मत उड़ाओ। तभी आपकी फिल्म चलेगी।

मुकेश खन्ना ने आगे कहा, 'देखिए जब यहां बायकॉट कल्चर था तब भी ‘कार्तिकेय 2’ ने कितना अच्छा काम किया। यदि आप हिंदू पात्रों का उपयोग करते हैं, तो उनका सम्मान करें जैसे वे दक्षिण की फिल्मों में करते हैं।'