12 साल बाद सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज़ हो रही 'रांझणा' अब विवादों में घिर गई है। इस बार फिल्म में एक नया AI-जनरेटेड क्लाइमेक्स जोड़ा गया है जिसमें कुंदन की मौत नहीं होती। लेकिन निर्देशक आनंद एल राय इस बदलाव से नाराज़ हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस फैसले की जानकारी तक नहीं दी गई, और उन्होंने अपनी आपत्ति सीधे स्टूडियो Eros International को दर्ज करवाई है।
बिना इजाजत बदलाव पर भड़के निर्देशकआनंद एल राय ने साफ कहा कि उन्हें फिल्म के इस री-रिलीज वर्जन में बदलाव की सूचना सोशल मीडिया से मिली। उन्होंने कहा, “लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि एंडिंग क्यों बदली जा रही है। मैं खुद नहीं समझ पा रहा कि ये कैसे हो गया।” उन्होंने बताया कि जब उन्होंने स्टूडियो से इस पर सवाल किया तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
आनंद ने इस कदम को भावनाओं से छेड़छाड़ बताया। उन्होंने कहा, “एक ट्रैजेडी भी एक इमोशन है। आप दर्शकों की भावनाओं से कैसे खेल सकते हैं? क्लाइमेक्स ही फिल्म की आत्मा है।”
क्लासिक ट्रैजेडी को 'हैप्पी एंडिंग' में बदलना गलतफिल्म ‘रांझणा’ को दर्शकों ने इसके भावनात्मक और त्रासदीपूर्ण अंत के लिए सराहा था, जिसमें कुंदन (धनुष) की मौत हो जाती है। AI से बदले गए नए क्लाइमेक्स में उसे ज़िंदा दिखाया गया है, जिससे मूल कहानी की भावना पूरी तरह बदल जाती है। राय ने कहा, “अगर दर्शकों को कोई चीज़ पसंद है, तो सिर्फ कमाई के लिए उसे बदलना क्रिएटिव अपराध है।”
AI से बनी फिल्मों पर चेतावनीराय ने इस मामले को व्यापक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ एक फिल्म का मामला नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि कैसे AI के ज़रिये बिना रचनाकार की अनुमति के कहानियों से छेड़छाड़ की जा रही है। “यह सिर्फ शुरुआत है। अगर आज रांझणा के क्लाइमेक्स को बदला जा सकता है, तो कल ‘शोले’ में जय को भी ज़िंदा कर दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “AI भविष्य है, लेकिन उसका दुरुपयोग अतीत को बिगाड़ने के लिए नहीं होना चाहिए। अगर आप किसी कलाकार की बनाई पेंटिंग खरीदते हैं, तो आप उसमें मूंछें जोड़ सकते हैं, लेकिन उसे फिर से बेच नहीं सकते।”
धनुष की छवि और दक्षिण भारत का संदर्भराय ने यह भी कहा कि Eros ने AI वर्जन को तमिलनाडु की डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी Upswing Entertainment को बेच दिया है, जहां उनका खुद का बैनर उतना सक्रिय नहीं है। लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि दक्षिण भारत में धनुष की बड़ी फैन फॉलोइंग है और उनकी छवि इस बदलाव से प्रभावित हो सकती है। “अगर आप रोम में अपराध करें, तो वह अपराध ही रहता है, चाहे आप इसे कहीं भी दोहराएं।”
निर्देशक ने हटवाया अपना नाम, की कानूनी कार्रवाई की तैयारीआनंद एल राय ने Eros से औपचारिक रूप से मांग की है कि इस नए वर्जन से उनका नाम हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से किसी भी स्टूडियो के साथ अनुबंध करते समय उन्हें अपनी रचनात्मक स्वतंत्रता को लेकर ज्यादा सतर्क रहना होगा। “स्टूडियो को कहानी से कोई मतलब नहीं होता, उन्हें बस कुछ करोड़ कमाने होते हैं। लेकिन क्रिएटिविटी का सम्मान होना जरूरी है।”
रांझणा जैसी भावनात्मक फिल्म का AI की मदद से हैप्पी एंडिंग देना, भारतीय सिनेमा की कलात्मकता और मूल भावना के साथ एक बड़ा समझौता है। आनंद एल राय का विरोध न केवल व्यक्तिगत रचनात्मक अधिकारों की रक्षा की बात करता है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के भविष्य में AI के इस्तेमाल को लेकर एक गहरी बहस की शुरुआत भी है। सवाल यह है कि क्या दर्शक सिर्फ खुशहाल अंत चाहते हैं, या फिर एक सच्ची और प्रामाणिक कहानी – जैसी कुंदन की थी।